हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने रूद्र की मौत पर उठाए गंभीर सवाल
रूद्र की मौत से सिस्टम की खामियां उजागर
हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने पानीपत के रामपुरा कॉलोनी में एक नाबालिग रूद्र की करंट लगने से हुई मृत्यु के मामले में गंभीरता से संज्ञान लिया है। आयोग ने बिजली विभाग (यूएचबीवीएन) और नगर निगम पानीपत की लापरवाही पर कड़ी टिप्पणी की है।
संदीप की गिरफ्तारी
पुलिस अधीक्षक, पानीपत द्वारा आयोग को भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी संदीप को गिरफ्तार किया जा चुका है। यह मामला एफआईआर संख्या 80 के तहत दर्ज किया गया था, जिसमें धारा 304-ए आईपीसी के तहत कार्रवाई की गई है।
मुआवजे पर असंतोष
हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने यूएचबीवीएन द्वारा दिए गए ₹1,00,000 के मुआवजे को अपर्याप्त मानते हुए इस पर असंतोष व्यक्त किया है। आयोग का मानना है कि यह राशि रूद्र की मृत्यु के कारण हुए नुकसान की गंभीरता को नहीं दर्शाती।
अधिकारियों की लापरवाही
आयोग ने पाया कि विभागीय अधिकारियों ने सार्वजनिक सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया। केवल ₹1,00,000 की सहायता राशि प्रदान करना इस गंभीर मामले में उचित नहीं है।
मुआवजे के निर्धारण का आधार
आयोग ने अधीक्षण अभियंता (ओपी) सर्कल, यूएचबीवीएन को निर्देश दिया है कि वे अगली सुनवाई में मुआवजे की राशि निर्धारित करने के आधार और मानदंड स्पष्ट करें।
सड़क निर्माण की स्थिति
नगर निगम द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में बताया गया है कि सड़क स्तर केवल छह इंच ऊँचा किया गया था। यह स्थिति खतरनाक थी और इससे पहले भी शिकायतें की गई थीं।
नगर निगम की जिम्मेदारी
आयोग ने नगर निगम को भी जिम्मेदार ठहराया है। यदि ट्रांसफार्मर की स्थिति पहले से असुरक्षित थी, तो नगर निगम को इसे सुधारने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए थे।
सुरक्षा की अनदेखी
आयोग ने यह भी कहा कि नगर निगम ने खतरनाक विद्युत संरचना के चारों ओर सुरक्षा उपाय नहीं किए। यह नागरिकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक था।
अगली सुनवाई की तारीख
आयोग ने निर्देश दिया है कि नगर निगम के आयुक्त अगली सुनवाई में उपस्थित हों। मामले की अगली सुनवाई 15 जनवरी 2026 को होगी।