हरियाणा में HPSC असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा में अनियमितताओं की मांग की गई न्यायिक जांच
HPSC असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा में विवाद
हरियाणा में HPSC असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा में अनियमितताओं का आरोप: हाल ही में हरियाणा में आयोजित HPSC असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने इस परीक्षा में गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाया है।
हिसार में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, सुरजेवाला ने सरकार से इस मामले की न्यायिक जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि यह गड़बड़ी प्रतिभाशाली युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। आइए, इस विवाद के मुख्य बिंदुओं पर नजर डालते हैं।
परीक्षा में गड़बड़ी: सही उत्तरों को गलत बताया गया
सुरजेवाला ने बताया कि 8 जून को आयोजित HPSC असिस्टेंट प्रोफेसर (भूगोल) परीक्षा में 17 प्रश्नों के उत्तर जानबूझकर गलत कर दिए गए। इनमें से कुछ प्रश्नों को पूरी तरह हटा दिया गया, जिससे परीक्षा की वैधता पर सवाल उठने लगे।
उदाहरण के लिए, प्रश्न संख्या 26, 28, 35, 37, 44 और 46 के उत्तर, जो पहले सही थे, उन्हें संशोधित उत्तर कुंजी में गलत बताया गया। खास बात यह है कि प्रश्न संख्या 46 को 2017 के HTET पेपर में पूछा गया था, जहां इसका सही उत्तर जीन गोटमैन था, लेकिन अब इसे पैट्रिक गैडस बताया गया। यह बदलाव न केवल भ्रामक है, बल्कि नकारात्मक अंकन के कारण कई मेधावी छात्रों के लिए हानिकारक साबित हुआ।
BPSC से प्रश्नों की नकल: सच्चाई क्या है?
सुरजेवाला ने एक और चौंकाने वाला खुलासा किया कि इस परीक्षा में 26 प्रश्न बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के भूगोल पेपर से हूबहू कॉपी किए गए। इसके अलावा, छह प्रश्न आंशिक रूप से दोहराए गए। संशोधित उत्तर कुंजी में 10 प्रश्नों को बिना किसी ठोस कारण के हटा दिया गया, जिनमें से कई पूरी तरह वैध थे।
सुरजेवाला ने इसे 'हेराफेरी' का तरीका करार देते हुए कहा कि यह व्यवस्था उन लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाई गई, जो BPSC के पेपर पढ़कर आए। उन्होंने HPSC के अध्यक्ष आलोक वर्मा पर भी निशाना साधा, जो बिहार से हैं, और पूछा कि क्या यह सब सुनियोजित तरीके से किया गया?
युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ क्यों?
सुरजेवाला ने इस मामले को हरियाणा के युवाओं के भविष्य के साथ अन्याय बताया। उन्होंने कहा कि ऐसी गड़बड़ियां उन मेहनती छात्रों को निराश करती हैं, जो दिन-रात मेहनत करके परीक्षा की तैयारी करते हैं। नकारात्मक अंकन के साथ सही प्रश्नों को हटाना और उत्तरों को बदलना न केवल अनुचित है, बल्कि यह सिस्टम की पारदर्शिता पर भी सवाल उठाता है।
सुरजेवाला ने मांग की कि इस मामले की निष्पक्ष न्यायिक जांच हो, ताकि सच सामने आए और दोषियों को सजा मिले।
यह विवाद न केवल HPSC की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता की कितनी कमी है। हरियाणा के युवा इस मामले में जवाब मांग रहे हैं, और यह देखना बाकी है कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।