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हरियाणा में कपास की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि

हरियाणा के जींद जिले की उचाना अनाज मंडी में कपास के दाम इस सीजन के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं, जिससे किसानों को आर्थिक राहत की उम्मीद है। इस वृद्धि के पीछे सीमित आवक और गुणवत्ता वाली फसल की मांग का बढ़ना है। हालांकि, किसानों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जैसे फसल में बीमारियाँ और उन्नत बीजों की कमी। जानें इस स्थिति का किसानों पर क्या प्रभाव पड़ रहा है और भविष्य में कपास की कीमतों में क्या संभावनाएँ हैं।
 

उचाना अनाज मंडी में कपास के दामों में उछाल

हरियाणा के जींद जिले की उचाना अनाज मंडी में शनिवार को कपास के दाम इस सीजन के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गए हैं। उच्च गुणवत्ता वाली कपास का मूल्य 7710 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया, जिससे किसानों को आर्थिक राहत की उम्मीद जगी है।


कपास की कीमतों में तेजी का कारण

हरियाणा में कपास की कीमतों में तेज उछाल


उचाना अनाज मंडी में इस सप्ताह कपास के दामों में लगातार वृद्धि देखी गई। सप्ताह की शुरुआत में अधिकतम दाम 7470 रुपये प्रति क्विंटल था, जबकि शनिवार तक इसमें लगभग 240 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई। यह वृद्धि मुख्य रूप से बेहतर गुणवत्ता वाली कपास में देखी गई।


कृषि बाजार के विशेषज्ञों के अनुसार, राज्य में सीमित आवक और गुणवत्ता वाली फसल की मांग बढ़ने से कीमतों को समर्थन मिला है।


किसानों के लिए मूल्य वृद्धि का महत्व

किसानों के लिए क्यों अहम है यह बढ़ोतरी


इस वर्ष हरियाणा के कई क्षेत्रों में लगातार बारिश और नमी के कारण कपास की पैदावार प्रभावित हुई है। कई किसानों को उत्पादन में कमी और बीमारियों का सामना करना पड़ा।


इसलिए बढ़ते दाम किसानों के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि



  • आर्थिक नुकसान की आंशिक भरपाई हो सकती है


  • उत्पादन लागत निकलने की संभावना बढ़ती है


  • आने वाले सीजन के लिए खेती का भरोसा बना रहता है



उचाना मंडी में पहुंचे किसानों का कहना है कि यदि भाव 8000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंचते हैं, तो स्थिति और बेहतर हो सकती है।


कपास की खेती में चुनौतियाँ

कपास की खेती पर बढ़ती चुनौतियां


कपास उत्पादक किसान लंबे समय से कुछ संरचनात्मक समस्याओं की ओर इशारा कर रहे हैं। इनमें प्रमुख हैं



  • फसल में बढ़ती बीमारियां


  • हर साल बिजाई क्षेत्र में गिरावट


  • उन्नत और रोग प्रतिरोधी बीजों की कमी



कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते बेहतर बीज और तकनीकी मार्गदर्शन नहीं मिला, तो कपास का रकबा और घट सकता है।


मार्केट कमेटी की प्रतिक्रिया

मार्केट कमेटी का क्या कहना है


उचाना अनाज मंडी की मार्केट कमेटी सचिव के अनुसार, बीते कुछ दिनों से कपास के दाम में निरंतर तेजी बनी हुई है। जिन किसानों ने अपनी फसल घरों में सुरक्षित रखी थी, वे अब मंडी में आवक बढ़ा रहे हैं ताकि ऊंचे दाम का लाभ लिया जा सके।


कमेटी के मुताबिक, मांग और गुणवत्ता के आधार पर आने वाले दिनों में कीमतों में हल्का उतार चढ़ाव रह सकता है।


भविष्य की संभावनाएँ

आगे क्या हो सकता है


विशेषज्ञों का अनुमान है कि यदि मौसम अनुकूल रहता है और बाजार में अचानक आवक नहीं बढ़ती, तो कपास के दाम फिलहाल मजबूत बने रह सकते हैं। साथ ही सरकार द्वारा बीज और फसल सुरक्षा पर ध्यान देने से लंबे समय में कपास उत्पादकों को स्थिरता मिल सकती है।