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हरियाणा में किसानों की समस्याओं पर अनुराग ढांडा का बयान

हरियाणा में धान और बाजरे की खरीद प्रक्रिया में अव्यवस्था के चलते किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। आम आदमी पार्टी के नेता अनुराग ढांडा ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है कि वह किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने मांग की है कि सरकार तुरंत खरीद प्रक्रिया में सुधार करे और किसानों को उचित मुआवजा प्रदान करे। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है और किसानों की स्थिति क्या है।
 

किसानों की स्थिति पर चिंता

- भाजपा की नीतियों से हर फसल पर किसानों को हो रहा नुकसान, हर बोरी पर ₹600 तक का घाटा: अनुराग ढांडा


- बाढ़ और बारिश के बाद मुआवज़ा नहीं, भाजपा सरकार ने किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज किया: अनुराग ढांडा


- नमी के नाम पर कटौती, भाजपा ने किसानों की मेहनत को मजाक बना दिया: अनुराग ढांडा


चंडीगढ़: हरियाणा में धान की सरकारी खरीद प्रक्रिया शुरू हुए 14 दिन हो चुके हैं, लेकिन मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की भाजपा सरकार के वादों के बावजूद किसानों की स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। मंडियों में न तो खरीद की व्यवस्था सही है और न ही किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल रहा है। भाजपा सरकार ने हरियाणा के किसानों को मंडियों में दलालों के हवाले कर दिया है। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता अनुराग ढांडा ने रविवार को बयान जारी कर हरियाणा की बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया कि केंद्र द्वारा निर्धारित धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹2389 प्रति क्विंटल है, लेकिन किसानों को मंडियों में केवल ₹1700 से ₹1900 तक ही मिल रहा है। इससे किसानों को प्रति क्विंटल ₹500 से ₹700 तक का नुकसान हो रहा है। भाजपा सरकार के झूठे आश्वासन अब किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रहे हैं।


खरीद प्रक्रिया में अव्यवस्था

22 सितंबर से खरीद प्रक्रिया शुरू होने के बावजूद 70 प्रतिशत मंडियों में स्थिति बेकाबू है। बारदाने की कमी, तौल कांटों की खराबी, नमी के नाम पर कटौती और प्रशासनिक लापरवाही ने किसानों को सड़कों और मंडियों में भटकने पर मजबूर कर दिया है। रोहतक, गोहाना, कैथल, सिरसा, फतेहाबाद, करनाल और पानीपत जैसे जिलों में हजारों क्विंटल धान खुले आसमान के नीचे सड़ रहा है, जबकि सरकार की व्यवस्था कहीं दिखाई नहीं देती। किसान दिन-रात अपनी फसल की रखवाली कर रहे हैं, जबकि भाजपा के मंत्री वातानुकूलित दफ्तरों में बैठकर किसानों की पीड़ा पर आंखें मूंदे हुए हैं।


बाजरे की खरीद में देरी

झज्जर, चरखी दादरी और भिवानी जैसे कई जिलों में बाजरे की सरकारी खरीद अभी तक सही तरीके से शुरू नहीं हुई है। मजबूरी में किसानों को बाजरा खुले बाजार में ₹1400 से ₹1600 प्रति क्विंटल तक बेचना पड़ रहा है, जिससे हर बोरी पर ₹700 से ₹800 तक का नुकसान हो रहा है। सरकार की विफलता ने किसानों को इस हद तक तोड़ दिया है कि वे रबी फसलों की बुआई के लिए भी पूंजी नहीं जुटा पा रहे। यह केवल आर्थिक संकट नहीं, बल्कि किसानों की आत्मा को कुचलने का अपराध है।


बारिश का प्रभाव

बारिश ने किसानों की समस्याओं को और बढ़ा दिया है। खुले में पड़ी फसल भीगकर खराब हो रही है, लेकिन सरकार ने इसके बचाव के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। नमी के नाम पर किसानों की मेहनत का मजाक उड़ाया जा रहा है। कुछ किसान ₹1900 में बेचने को मजबूर हैं, जबकि अन्य को ₹1600 में। परिस्थितियों को देखते हुए नमी की सीमा कम से कम 25 प्रतिशत तक बढ़ाई जानी चाहिए थी, लेकिन सरकार अभी भी 17-18 प्रतिशत पर अड़ी हुई है। किसानों की मांग है कि मंडियों में डिजिटल कांटे लगाए जाएं ताकि तौल में धांधली पर रोक लगे, लेकिन सरकार ने इस पर भी ध्यान नहीं दिया।


सरकार की लापरवाही

बाढ़ और बारिश से बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा अब तक नहीं दिया गया है। जिन किसानों की मेहनत और सालभर की कमाई पानी में बह गई, वे आज भी सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। राहत राशि की जगह उन्हें केवल आश्वासन और औपचारिकताएं मिली हैं। भाजपा सरकार किसानों की समस्याओं पर आंखें मूंदे बैठी है, जैसे किसानों की पीड़ा इस सरकार के लिए कोई मायने नहीं रखती।


अनुराग ढांडा की मांगें

अनुराग ढांडा ने कहा कि भाजपा सरकार की यह असफलता केवल लापरवाही नहीं, बल्कि किसानों के खिलाफ एक सोची-समझी साजिश है। उन्होंने सरकार से मांग की कि बाजरे की सरकारी खरीद तुरंत शुरू की जाए, नमी की सीमा को 25 प्रतिशत तक बढ़ाया जाए, सभी मंडियों में डिजिटल कांटे लगाए जाएं, भीगी फसल का पूरा मुआवजा दिया जाए और खरीद प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।


उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार जल्द ही इन मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं करती, तो आम आदमी पार्टी किसानों के हक के लिए आंदोलन करने से नहीं हिचकिचाएगी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने किसानों को केवल वोट बैंक समझ लिया है, जिससे प्रदेश के किसान बीजेपी सरकार से परेशान हैं।