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हरियाणा में किसानों के लिए ऑनलाइन उर्वरक खरीद की सुविधा शुरू

हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए डीएपी और यूरिया की ऑनलाइन खरीद की सुविधा शुरू की है। यह कदम कालाबाजारी को रोकने और खाद वितरण में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से उठाया गया है। अब केवल पंजीकृत किसान ही उर्वरक की बुकिंग कर सकेंगे, जिससे उन्हें समय पर खाद उपलब्ध होगी। इसके अलावा, सरकार ने अवैध बिक्री पर नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाए हैं। जानें इस नई व्यवस्था के बारे में और कैसे यह किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी।
 

हरियाणा में उर्वरक की ऑनलाइन खरीद की नई सुविधा


हरियाणा समाचार: हरियाणा सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए डीएपी और यूरिया की ऑनलाइन खरीद की प्रक्रिया शुरू की है। अब केवल ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर पंजीकृत किसान ही उर्वरक की बुकिंग कर सकेंगे। खाद विक्रेता किसानों के डेटा का मिलान करेंगे, जिससे कालाबाजारी और अवैध बिक्री पर पूरी तरह अंकुश लगेगा। यह कदम खाद वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने और रबी सीजन के दौरान किसानों को समय पर पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उठाया गया है।


‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल का महत्व

हरियाणा सरकार का बड़ा कदम

डीएपी और यूरिया की कालाबाजारी को रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब किसान ऑनलाइन माध्यम से डीएपी, यूरिया और अन्य उर्वरकों की खरीद कर सकेंगे। यह व्यवस्था प्रदेश के कई जिलों में लागू हो चुकी है। बुकिंग के बाद केवल वही किसान उर्वरक प्राप्त कर पाएंगे, जिन्होंने अपनी फसल का पंजीकरण ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर किया है। खाद विक्रेताओं के पास किसानों का पूरा डेटा रहेगा, जिसका मिलान करने के बाद ही वे किसान को उर्वरक की बोरी उपलब्ध कराएंगे। यह कदम पारदर्शिता बढ़ाने और अवैध बिक्री पर नियंत्रण के लिए उठाया गया है।


अवैध बिक्री पर रोकथाम

यूरिया की अवैध बिक्री पर नियंत्रण

इस नई व्यवस्था से डीएपी और यूरिया की अवैध बिक्री पर रोक लग सकेगी। किसानों की परेशानियाँ भी कम होंगी, क्योंकि अब किसी पात्र किसान के नाम पर कोई दूसरा व्यक्ति सरकारी केंद्र से उर्वरक नहीं ले पाएगा। प्रदेश के कई जिलों में किसानों को डीएपी और यूरिया की कमी का सामना करना पड़ रहा था, जिसे लेकर विपक्ष लगातार सरकार को घेर रहा था। ऐसे में खाद वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और असली किसानों तक उर्वरक पहुँचाने के लिए सरकार ने यह ऑनलाइन सुविधा शुरू की है।


अवैध खाद खरीद की समस्या

अन्य राज्यों के किसानों की शिकायतें

शिकायतें मिल रही हैं कि हरियाणा से सटे राजस्थान और उत्तर प्रदेश के जिलों के किसान भी अवैध रूप से हरियाणा से खाद खरीद रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह काम कुछ खाद विक्रेताओं की मिलीभगत से किया जा रहा है। इस अवैध बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने अब सख्त कदम उठाए हैं। इसके तहत खाद विक्रेताओं को प्रतिदिन अपने स्टॉक की जानकारी जिला कृषि अधिकारी के माध्यम से उपायुक्त को भेजनी होगी। साथ ही यह भी तय किया गया है कि किसानों को उनकी भूमि के अनुपात में ही खाद दी जाएगी, यानी अब किसी किसान को जरूरत से कम मात्रा — जैसे केवल एक या दो बोरी — देने की बाध्यता नहीं होगी।


गेहूं की बुआई का लक्ष्य

रबी सीजन में गेहूं की बुआई

हरियाणा में इस बार रबी सीजन के दौरान लगभग 25 लाख हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की बुआई की जाएगी। इसके लिए वर्तमान में राज्य में 3.82 लाख टन खाद का स्टॉक उपलब्ध है। वहीं, केंद्र सरकार से 18 लाख टन अतिरिक्त उर्वरक आवंटित किए गए हैं, जिनमें 11.60 लाख टन यूरिया, 2.70 लाख टन डीएपी और अन्य आवश्यक उर्वरक शामिल हैं। इससे किसानों को आगामी सीजन में खाद की कोई कमी नहीं होगी।