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हरियाणा में कॉमर्स ग्रुप के चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति प्रक्रिया में देरी

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की भर्ती प्रक्रिया में शामिल कॉमर्स ग्रुप के चयनित उम्मीदवार पिछले छह महीनों से नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। परीक्षा के परिणाम घोषित होने के बावजूद, हाईकोर्ट में चल रहे मामले के कारण नियुक्ति प्रक्रिया रुकी हुई है। इस लेख में हम इस मुद्दे के विभिन्न पहलुओं, कानूनी अड़चनों और उम्मीदवारों की मांगों पर चर्चा करेंगे। क्या सरकार इस स्थिति का समाधान कर पाएगी? जानें पूरी जानकारी इस लेख में।
 

कॉमर्स ग्रुप के उम्मीदवारों का इंतजार

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की भर्ती प्रक्रिया में शामिल कॉमर्स ग्रुप के सैकड़ों चयनित उम्मीदवार पिछले छह महीनों से नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। परीक्षा और परिणाम घोषित होने के बावजूद, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चल रहे मामले के कारण नियुक्ति प्रक्रिया रुकी हुई है।


भर्ती प्रक्रिया का विवरण

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने 17 अक्टूबर 2024 को विभिन्न सरकारी पदों की चयन सूची जारी की थी। यह भर्ती प्रक्रिया 63 अलग-अलग ग्रुपों में पूरी की गई, जिनके लिए अलग-अलग परीक्षाएं आयोजित की गई थीं।


इन ग्रुपों में ग्रुप नंबर 6, जिसे आमतौर पर कॉमर्स ग्रुप कहा जाता है, भी शामिल था। इस ग्रुप के तहत विभिन्न श्रेणियों में कुल 1296 पद घोषित किए गए थे।


कानूनी अड़चनें और रिजल्ट में देरी

हालांकि अन्य अधिकांश ग्रुपों का परिणाम अक्टूबर 2024 में जारी कर दिया गया था, लेकिन ग्रुप 6 का रिजल्ट उस समय रोक दिया गया। इसके पीछे प्रशासनिक और कानूनी आपत्तियां बताई गईं।


करीब आठ महीने बाद 14 जून 2025 को आखिरकार कॉमर्स ग्रुप का परिणाम जारी किया गया। चयन सूची में नाम आने के बाद उम्मीदवारों को उम्मीद थी कि जल्द ही नियुक्ति पत्र मिलेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।


हाईकोर्ट में मामला और जॉइनिंग पर रोक

चयन प्रक्रिया को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई, जिसके चलते आयोग ने जॉइनिंग प्रक्रिया को रोक दिया।


भर्ती मामलों के जानकार कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक कोर्ट से स्पष्ट निर्देश नहीं आते, तब तक आयोग आमतौर पर नियुक्ति प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाता ताकि बाद में कोई प्रशासनिक संकट न हो।


छह महीने बाद भी इंतजार

रिजल्ट जारी हुए अब करीब छह महीने हो चुके हैं, लेकिन कॉमर्स ग्रुप के चयनित उम्मीदवारों को अब तक जॉइनिंग नहीं मिल पाई है।


स्थिति यह है कि फाइनल मेरिट लिस्ट में नाम होने के बावजूद उम्मीदवार बेरोजगार बैठे हैं। कई अभ्यर्थियों ने अन्य नौकरियों के विकल्प छोड़ दिए हैं और आर्थिक तथा मानसिक दबाव लगातार बढ़ रहा है।


मुख्यमंत्री के वादे पर सवाल

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सार्वजनिक रूप से 25 हजार युवाओं को जॉइनिंग दिलाने की बात कही थी।


वास्तविक आंकड़े बताते हैं कि 17 अक्टूबर 2024 को लगभग 23 हजार 800 उम्मीदवारों को जॉइनिंग दी गई, जिनमें से करीब 1200 चयनित अभ्यर्थी आज तक नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं।


उम्मीदवारों की मांग

कॉमर्स ग्रुप के चयनित अभ्यर्थी लगातार सरकार और प्रशासन से यह मांग कर रहे हैं कि कोर्ट में मामले की शीघ्र सुनवाई करवाई जाए या फिर सशर्त जॉइनिंग का विकल्प दिया जाए ताकि युवाओं का भविष्य और समय दोनों सुरक्षित रह सकें।


भविष्य की संभावनाएं

भर्ती प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही हाईकोर्ट से स्थिति स्पष्ट होगी, आयोग जॉइनिंग पर निर्णय ले सकेगा। हालांकि तब तक चयनित उम्मीदवारों के सामने अनिश्चितता बनी हुई है।


महत्वपूर्ण मुद्दे

यह सिर्फ 1296 पदों की बात नहीं है, बल्कि यह भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता, सरकारी वादों की विश्वसनीयता और युवाओं के करियर की स्थिरता से जुड़ा हुआ मुद्दा है।


यदि समय रहते समाधान नहीं निकला, तो इसका असर आने वाली भर्तियों पर भी पड़ सकता है।