हरियाणा में धान खरीद पर किसानों की मुश्किलें बढ़ीं: अनुराग ढांडा का आरोप
किसानों की समस्याएं और सरकार की लापरवाही
- 2389 रुपये MSP का वादा, लेकिन किसानों को मिल रहा केवल 1500 रुपये: अनुराग ढांडा
- बारदाना की कमी और तौल कांटों की अनुपलब्धता से मंडियों में अफरातफरी: धान खरीद का पहला दिन किसानों के लिए कठिनाई भरा रहा: अनुराग ढांडा
- पंजाब ने बेहतर इंतज़ाम किए, जबकि हरियाणा सरकार ने किसानों को उनकी स्थिति पर छोड़ दिया: अनुराग ढांडा
चंडीगढ़: आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने सोमवार को एक बयान में बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हरियाणा में धान खरीद की प्रक्रिया शुरू तो हुई, लेकिन यह केवल दिखावे के लिए थी। किसानों को न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य मिला और न ही मंडियों में कोई ठोस व्यवस्था दिखाई दी।
ढांडा ने बताया कि इस बार केंद्र ने धान का MSP 2389 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है, लेकिन किसानों को मंडियों में केवल 1500 रुपये प्रति क्विंटल पर अपनी फसल बेचनी पड़ी। यह सरकार की खुली लूट है, जिसने किसानों को उनकी मेहनत का हक़ देने के बजाय बिचौलियों के हवाले छोड़ दिया है।
उन्होंने कहा कि किसानों की स्थिति पहले से ही खराब है। इस सीज़न में जलभराव के कारण हजारों एकड़ फसल का उत्पादन घट गया है। किसानों ने जो थोड़ा बहुत उत्पादन किया, उसे भी मंडियों में मिट्टी के भाव बेचना पड़ रहा है। यह किसानों के साथ दोहरी मार है, पहले प्राकृतिक आपदा और अब सरकारी लापरवाही।
ढांडा ने कहा कि धान की खरीद का ज़िम्मा हैफेड जैसी एजेंसियों को सौंपा गया है, लेकिन अब तक इन एजेंसियों को चावल मिलों का आवंटन नहीं हुआ है। यदि आवक बढ़ी और समय पर मिल आवंटन नहीं किया गया, तो मंडियों में धान सड़ जाएगा और किसानों को भारी नुकसान होगा। यह साबित करता है कि सरकार की तैयारी शून्य है।
उन्होंने बताया कि कई मंडियों में बारदाना की कमी रही, तौल कांटे तक सही से उपलब्ध नहीं थे और खरीद प्रक्रिया बेहद धीमी रही। किसानों को घंटों मंडियों में भटकना पड़ा, लेकिन सरकार कहीं दिखाई नहीं दी।
अनुराग ढांडा ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह और उनकी बीजेपी सरकार किसानों के दर्द से पूरी तरह बेखबर हैं। पंजाब में धान खरीदी के लिए पहले से मजबूत व्यवस्थाएं की गईं, लेकिन हरियाणा सरकार किसानों की मेहनत को लूटने पर आमादा है। जलभराव से पहले ही उत्पादन घटा, अब MSP से कम रेट और अव्यवस्थित मंडियां… यह सरकार किसानों के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात कर रही है।