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हरियाणा में नक्सली कार्यकर्ता की गिरफ्तारी, सुरक्षा एजेंसियों को मिली बड़ी सफलता

हरियाणा के रोहतक जिले में एनआईए ने एक सक्रिय नक्सली कार्यकर्ता प्रियांशु कश्यप को गिरफ्तार किया है, जो छत्तीसगढ़ का निवासी है। वह भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त था और सीपीआई (माओवादी) से जुड़ा हुआ था। जांच में उसके पास से कई आपत्तिजनक दस्तावेज और उपकरण बरामद हुए हैं। एनआईए का कहना है कि यह गिरफ्तारी उत्तर भारत में नक्सली गतिविधियों को बढ़ाने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे की साजिशें।
 

नक्सली गतिविधियों में संलिप्तता

भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हरियाणा के रोहतक जिले से एक सक्रिय नक्सली कार्यकर्ता प्रियांशु कश्यप को गिरफ्तार किया है। प्रियांशु छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले का निवासी है और वह लंबे समय से हरियाणा में रहकर भारत विरोधी गतिविधियों में संलग्न था। एनआईए के अनुसार, वह प्रतिबंधित संगठन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) से जुड़ा हुआ है और संगठन के उत्तरी भारत में पुनः प्रभाव बढ़ाने की योजना बना रहा था.


गिरफ्तारी के दौरान बरामद सामान

एनआईए ने बताया कि प्रियांशु के पास से एक मोबाइल फोन, एक सिम कार्ड, एक टैबलेट, दो मेमोरी कार्ड और माओवादी पार्टी से संबंधित कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि प्रियांशु हरियाणा में सीपीआई के 'एरिया कमेटी इंचार्ज' के रूप में कार्यरत था। वह संगठन की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए नए सदस्यों की भर्ती और प्रोपेगेंडा फैलाने में सक्रिय था.


उत्तर भारत में संगठन को सक्रिय करने की योजना

नॉर्थ रीजनल ब्यूरो को फिर से सक्रिय करने की कोशिश

एनआईए का कहना है कि सीपीआई (माओवादी) के शीर्ष नेता उत्तर भारत में संगठन को पुनः सक्रिय करने की कोशिश कर रहे हैं। इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों को निशाना बनाया जा रहा है। संगठन के भूमिगत और ज़मीनी कार्यकर्ता इस कार्य में जुटे हुए हैं, जो कॉलेजों और युवाओं को लक्षित कर नए कैडर तैयार कर रहे हैं.


फंडिंग का स्रोत

झारखंड से हो रही थी फंडिंग

जांच में यह भी सामने आया है कि इस नेटवर्क को झारखंड स्थित पूर्वी क्षेत्रीय ब्यूरो से फंडिंग मिल रही थी। इन पैसों का उपयोग उत्तर भारत में नक्सली गतिविधियों को फैलाने और कैडर को तैयार करने में किया जा रहा था। इससे पहले एनआईए ने इस मामले में दो अन्य आरोपियों अजय सिंगल उर्फ अमन और विशाल सिंह को भी गिरफ्तार किया था.