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हरियाणा में निर्माण मजदूरों का सरकार के खिलाफ विरोध: 9 जुलाई को हड़ताल

हरियाणा के भवन निर्माण कामगार यूनियन ने सरकार के खिलाफ 9 जुलाई को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। इस हड़ताल का कारण निर्माण मजदूरों की सुविधा राशि पर रोक और नए लेबर कोड्स का विरोध है। यूनियन के नेताओं ने आरोप लगाया है कि सरकार में भ्रष्टाचार बढ़ गया है, जिससे मजदूरों को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है और मजदूरों की क्या मांगें हैं।
 

भवन निर्माण कामगार यूनियन की बैठक


चंडीगढ़ समाचार: हरियाणा के भवन निर्माण कामगार यूनियन की एक महत्वपूर्ण बैठक आज बरवाला (पंचकूला) में आयोजित की गई। इस बैठक में जिला सचिव लच्छी राम शर्मा, जिला कोषाध्यक्ष गुरमीत सिंह, लाभ सिंह, बोर्ड के संयुक्त सचिव अजमेर सिंह देसवाल, ए.डब्ल्यू.ओ. रणधीर सिंह और रमेश राणा शामिल हुए। यह बैठक सरकार द्वारा निर्माण मजदूरों की सुविधा राशि पर लगाई गई रोक और लेबर कोड्स के खिलाफ संघर्ष को लेकर आयोजित की गई, जो बेनतीजा रही।


सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप

यूनियन के जिला सचिव लच्छी राम शर्मा ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार के कार्यकाल में श्रम कल्याण बोर्ड में व्यापक भ्रष्टाचार फैला हुआ है, जिसका सीधा असर प्रदेश के हजारों निर्माण मजदूरों पर पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन महीनों में किसी भी मजदूर को कल्याण की सुविधा राशि नहीं मिली है और 'जांच' के नाम पर DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। यह कार्रवाई मजदूरों के अधिकारों को छीनने की साजिश है, जबकि भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी और दलाल खुलेआम घूम रहे हैं।


लेबर कोड के खिलाफ तीखा विरोध

यूनियन ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित चार लेबर कोड्स को मजदूर विरोधी बताते हुए कहा कि ये कानून श्रमिकों को गुलाम बना देंगे। इन कोड्स में न तो न्यूनतम वेतन की गारंटी है और न ही कार्य समय की कोई स्पष्ट सीमा, जिससे मजदूरों का शोषण और बढ़ेगा। यूनियन इन कोड्स का पुरजोर विरोध करती है और 9 जुलाई को होने वाली राष्ट्रव्यापी मजदूर हड़ताल में बड़े पैमाने पर निर्माण मजदूरों की भागीदारी सुनिश्चित करेगी।