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हरियाणा में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध: NCR के 14 जिलों में सख्त कार्रवाई

हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने NCR के 14 जिलों में पटाखों के निर्माण, बिक्री और फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। इस निर्णय का उद्देश्य प्रदूषण को नियंत्रित करना और पर्यावरण की रक्षा करना है। उल्लंघन करने वालों के लिए सख्त सजा और जुर्माना निर्धारित किया गया है। जानें इस महत्वपूर्ण फैसले के बारे में अधिक जानकारी और प्रभावित जिलों की सूची।
 

हरियाणा में पटाखों पर प्रतिबंध

हरियाणा में पटाखों पर प्रतिबंध: NCR के 14 जिलों में सख्त कार्रवाई: (हरियाणा पटाखा बैन) अब केवल दिवाली तक सीमित नहीं रहा। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। NCR में शामिल 14 जिलों में अब पटाखों के निर्माण, बिक्री, भंडारण और फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।


इस बार ग्रीन पटाखों के लिए भी कोई छूट नहीं दी गई है। बोर्ड ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि इन जिलों में किसी भी प्रकार के पटाखों की अनुमति नहीं होगी। यह निर्णय पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा-5 के तहत लिया गया है।


उल्लंघन पर सजा और जुर्माना


यदि कोई व्यक्ति इन आदेशों का उल्लंघन करता है, तो उसे गंभीर सजा का सामना करना पड़ सकता है। अधिनियम की धारा-15 के अनुसार, उल्लंघन करने वाले को 5 साल तक की जेल या ₹1 लाख तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। यदि उल्लंघन लगातार जारी रहता है, तो हर दिन के लिए ₹5,000 का अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा।


किसी कंपनी द्वारा नियमों का उल्लंघन करने पर ₹1 लाख से ₹15 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। यह सख्ती प्रदूषण को नियंत्रित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


शिकायत तंत्र और प्रभावित जिले


राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव प्रदीप कुमार ने बताया कि इन आदेशों के पालन के लिए हर जिले में शिकायत निवारण तंत्र स्थापित किया गया है। कोई भी व्यक्ति DC या SDM के पास शिकायत दर्ज करा सकता है। इसके अलावा एक्स हैंडल, वॉट्सएप नंबर और ईमेल ID भी जारी की गई हैं।


यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था, जिसके बाद कोर्ट की सख्ती के चलते यह निर्णय लिया गया। जिन जिलों में यह प्रतिबंध लागू हुआ है, वे हैं: फरीदाबाद, गुरुग्राम, पलवल, नूंह, सोनीपत, रोहतक, झज्जर, भिवानी, चरखी दादरी, जींद, रेवाड़ी, पानीपत, करनाल और महेंद्रगढ़।


यह निर्णय न केवल पर्यावरण की सुरक्षा करेगा, बल्कि लोगों को प्रदूषण के खतरों से भी बचाएगा।