हरियाणा में प्रदूषण नियंत्रण के लिए 15 लाख वाहनों पर प्रतिबंध
हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की नई पहल
हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रदूषण के बढ़ते स्तर को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए हैं। सर्दियों के आगमन के साथ, हरियाणा के एनसीआर क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ने लगता है। विशेष रूप से गुरुग्राम और फरीदाबाद में, प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुँच जाता है। इसे रोकने के लिए, बोर्ड ने 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। अधिकारियों ने इन दोनों जिलों में लगभग 15 लाख ऐसे वाहनों की पहचान की है।
कार्रवाई और निगरानी
जिला परिवहन विभाग और यातायात पुलिस ने इस दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके अतिरिक्त, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने औद्योगिक प्रदूषण और निर्माण स्थलों से निकलने वाली धूल की निगरानी के लिए एक व्यापक योजना बनाई है। सभी बिल्डरों और डेवलपर्स को 500 वर्ग मीटर से बड़े प्रोजेक्ट्स को राज्य के धूल नियंत्रण पोर्टल पर पंजीकृत करने का निर्देश दिया गया है। एचएसपीसीबी नियमित निरीक्षण करेगा और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
डीजल जनरेटर पर प्रतिबंध
गुरुग्राम और फरीदाबाद प्रशासन ने डीजल जनरेटर सेटों पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। उद्योगों को तुरंत ग्रीन फ्यूल अपनाने के लिए कहा गया है, अन्यथा उन पर जुर्माना लगाया जाएगा।
धुंध से निपटने की तैयारी
धुंध की समस्या से निपटने के लिए, गुरुग्राम नगर निगम अपने जल छिड़काव यंत्रों की संख्या 8 से बढ़ाकर 40 करेगा और 29 नए सड़क सफाई यंत्र जोड़ेगा, जिससे कुल संख्या 54 हो जाएगी। प्रमुख निर्माण स्थलों पर 850 से अधिक एंटी-स्मॉग गन तैनात की जाएंगी। इसी प्रकार, फरीदाबाद अपने स्प्रिंकलरों की संख्या 25 से बढ़ाकर 38 करेगा और 15 रोड स्वीपर जोड़ेगा।
अतिरिक्त जानकारी
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