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हरियाणा में बाढ़ राहत: फसलों के नुकसान का आकलन और विशेष गिरदावरी

हरियाणा में बाढ़ से प्रभावित किसानों के लिए राहत की नई योजना सामने आई है। सरकार ने फसलों के नुकसान का सटीक आकलन करने के लिए ड्रोन मैपिंग शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, 15 सितंबर तक ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर नुकसान का दावा दर्ज किया जा सकता है। 20 सितंबर से विशेष गिरदावरी की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसमें मुआवजे की राशि भी निर्धारित की गई है। जानें इस योजना के तहत किसानों को क्या-क्या सहायता मिलेगी।
 

हरियाणा बाढ़ राहत: फसलों के नुकसान का आकलन

हरियाणा बाढ़ राहत: फसलों के नुकसान का आकलन और विशेष गिरदावरी 20 सितंबर से शुरू! चंडीगढ़ | हरियाणा के किसानों के लिए राहत की एक नई खबर आई है। बाढ़ और जलभराव के कारण फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है।


सरकार ने खेतों की स्थिति का सटीक आकलन करने के लिए ड्रोन मैपिंग शुरू करने का निर्णय लिया है। इस प्रक्रिया के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें और डेटा एकत्रित किया जाएगा, जिससे किसानों के नुकसान का सही आकलन किया जा सके और उन्हें उचित मुआवजा प्रदान किया जा सके।


ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल की जानकारी

15 सितंबर तक खुला है पोर्टल


हरियाणा में बाढ़ और जलभराव ने 5754 गांवों में भारी तबाही मचाई है, जिससे लगभग 3 लाख किसान प्रभावित हुए हैं। लगभग 18 लाख 66 हजार एकड़ फसल को नुकसान पहुंचा है।


किसानों की सहायता के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला गया है, जहां 15 सितंबर तक नुकसान का दावा दर्ज किया जा सकता है। प्रभावित किसान जल्दी से पोर्टल पर अपनी जानकारी दर्ज करें।


विशेष गिरदावरी की शुरुआत

20 सितंबर से स्पेशल गिरदावरी


प्रदेश सरकार ने 20 सितंबर से विशेष गिरदावरी शुरू करने की घोषणा की है। पटवार एवं कानूनगो एसोसिएशन के अध्यक्ष जयवीर चहल ने बताया कि यह कार्य दो हफ्तों में पूरा किया जाएगा।


सरकार ने मुआवजे के लिए आवश्यक मानदंड भी निर्धारित कर दिए हैं और सभी जिलों को तत्काल राहत के लिए 3.06 करोड़ रुपये का रिजर्व फंड प्रदान किया गया है।


मुआवजे की राशि का विवरण

मुआवजे की राशि


सरकार ने नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजे की राशि निर्धारित की है। मृत्यु पर 4 लाख रुपये, 40-60% अंग हानि पर 74,000 रुपये, और 60% से अधिक अंग हानि पर 2.50 लाख रुपये दिए जाएंगे।


क्षतिग्रस्त मकान के लिए मैदानी क्षेत्र में 1.20 लाख और पहाड़ी क्षेत्र में 1.30 लाख रुपये मिलेंगे। आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त पक्के मकान के लिए 10,000 रुपये और कच्चे मकान के लिए 5,000 रुपये की सहायता मिलेगी। दुकान या उद्योग को 100% नुकसान होने पर 1 लाख रुपये या वास्तविक नुकसान की राशि दी जाएगी। व्यावसायिक हानि के लिए 1.75 से 3.05 लाख रुपये तक का मुआवजा मिलेगा। फसल नुकसान के लिए प्रति एकड़ 7,000 से 15,000 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी।


दूधारू पशुओं (भैंस, गाय, ऊंटनी) के नुकसान पर 37,500 रुपये, भेड़/बकरी/सूअर के लिए 4,000 रुपये, गैर-दूधारू पशुओं (ऊंट, घोड़ा, बैल) के लिए 32,000 रुपये, और मुर्गी पालन के लिए 10,000 रुपये तक की सहायता मिलेगी।