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हरियाणा में मनीषा हत्या मामले ने राजनीतिक हलचल बढ़ाई

हरियाणा के भिवानी जिले में 19 वर्षीय शिक्षिका मनीषा की संदिग्ध मौत ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। नायब सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है, जबकि विपक्षी दल सरकार पर हमलावर हैं। मनीषा के पिता ने सरकार का समर्थन किया और राजनीतिक दलों से अपील की कि इस संवेदनशील मामले में राजनीति न करें। जांच प्रक्रिया जारी है, जिसमें पोस्टमार्टम और फॉरेंसिक जांच शामिल हैं। जानें इस मामले में और क्या हो रहा है।
 

मनीषा हत्या मामला: हरियाणा में उथल-पुथल

मनीषा हत्या मामला: हरियाणा के भिवानी जिले में 19 वर्षीय शिक्षिका मनीषा की संदिग्ध मौत ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। नायब सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है, जबकि विपक्षी दल सरकार को घेरने में जुटे हैं.


पिता का बयान और अपील

मनीषा के पिता ने एक वीडियो जारी कर नायब सरकार का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी की मौत के बाद उन्होंने हरियाणा सरकार से दो प्रमुख मांगें की थीं: सीबीआई जांच और दिल्ली के एम्स से शव का पोस्टमार्टम। उन्होंने बताया कि सरकार ने तुरंत उनकी मांगें स्वीकार कीं और न्याय दिलाने के लिए तत्परता से कार्रवाई की।


राजनीति से दूर रहने की अपील

मनीषा के पिता ने राजनीतिक दलों से अपील की कि इस संवेदनशील मामले में राजनीति न करें। उन्होंने कहा, 'मेरे पास बहुत से लोग आते हैं और अलग-अलग बातें करते हैं, लेकिन मैं सभी से निवेदन करता हूं कि मेरी बेटी की मौत पर राजनीति न करें।' मनीषा का शव दिल्ली एम्स में तीसरे पोस्टमार्टम के बाद भारी पुलिस सुरक्षा के बीच उसके गांव में अंतिम संस्कार किया गया।


जांच प्रक्रिया जारी

डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने बताया कि पोस्टमार्टम और फॉरेंसिक जांच चल रही हैं, जिसमें समय लग सकता है। उन्होंने कहा कि मनीषा के जहर खाने या किसी अन्य द्वारा जहर दिए जाने की संभावना की जांच सीबीआई करेगी। डीजीपी ने यह भी कहा कि जांच के दौरान यह तथ्य सामने आएंगे कि मनीषा के शरीर पर कोई लड़ाई के निशान नहीं पाए गए, जिससे यह आत्महत्या का संकेत हो सकता है।


सरकार पर विपक्ष का हमला

आम आदमी पार्टी के नेता अनुराग ढांडा ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार नागरिक सुरक्षा में पूरी तरह विफल हो गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जनता की आवाज को दबाने के लिए इंटरनेट बंद करती है और हत्याओं के खिलाफ आवाज उठाने वालों को चुप करा देती है।