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हरियाणा में मौसम का बदलाव: बारिश का सिलसिला थमा, ठंड का आगाज़

हरियाणा में पिछले चार दिनों से जारी बारिश का सिलसिला अब समाप्त हो गया है। मौसम साफ होने से दिन के तापमान में हल्की वृद्धि होगी, जबकि रातें ठंडी होने लगेंगी। अक्टूबर में हुई बारिश ने पिछले 21 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, जिससे ठंड का आगमन जल्दी हो सकता है। जानें मौसम का ताजा हाल और इसका किसानों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
 

हरियाणा मौसम अपडेट 09 अक्टूबर चंडीगढ़

हरियाणा मौसम अपडेट 09 अक्टूबर चंडीगढ़: पिछले चार दिनों से जारी बारिश का दौर अब समाप्त हो गया है। मौसम अब साफ हो गया है और धूप निकलने से दिन के तापमान में हल्की वृद्धि होगी। हालांकि, रातें अब ठंडी होने लगेंगी, क्योंकि तापमान में गिरावट शुरू हो चुकी है।


बारिश का प्रभाव और किसानों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी

यह मौसम परिवर्तन हरियाणा के निवासियों और किसानों के लिए महत्वपूर्ण है। अक्टूबर में हुई बारिश ने पिछले 21 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, जिससे ठंड का आगमन जल्दी हो सकता है। आइए जानते हैं, मौसम की वर्तमान स्थिति और इसके प्रभाव।


बारिश ने मौसम का मिजाज बदला

5 से 8 अक्टूबर के बीच हरियाणा में पश्चिमी विक्षोभ के कारण अधिकांश जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। कुछ स्थानों पर तेज बारिश भी देखी गई। इस बारिश ने तापमान को सामान्य से नीचे ला दिया।


दक्षिण हरियाणा के महेंद्रगढ़ में लगातार दूसरे दिन अधिकतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम रहा, जबकि रोहतक में तापमान सामान्य से 7 डिग्री कम दर्ज किया गया। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि इस बार भारी बारिश के कारण ठंड का प्रभाव अधिक और जल्दी दिखाई दे सकता है।


21 साल का बारिश रिकॉर्ड टूटा

हरियाणा में अक्टूबर के पहले आठ दिनों में 29.2 मिलीमीटर बारिश हुई, जो 2004 में पूरे अक्टूबर में हुई 58.4 मिलीमीटर बारिश के रिकॉर्ड को चुनौती दे रही है।


पश्चिमी विक्षोभ के कारण हवाओं और गरज-चमक के साथ हुई इस बारिश ने मौसम को ठंडा कर दिया है। अब पहाड़ों से मैदानों की ओर चलने वाली उत्तर-पश्चिमी हवाएं रात के तापमान को और कम करेंगी।


14 अक्टूबर तक मौसम रहेगा साफ

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के मौसम विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. मदन खीचड़ के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के आगे बढ़ने के बाद 9 से 14 अक्टूबर तक मौसम साफ और शुष्क रहेगा।


इस दौरान धूप के कारण दिन का तापमान थोड़ा बढ़ेगा, लेकिन उत्तर-पश्चिमी हवाओं के चलते रात का तापमान कम होगा। यह मौसम किसानों के लिए फसलों की बुवाई के लिए अनुकूल साबित हो सकता है।