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हरियाणा में राशन डिपो के लिए नई तकनीक की मशीनें जल्द उपलब्ध

हरियाणा में राशन डिपो के लिए नई 5जी तकनीक पर आधारित मशीनें जल्द ही उपलब्ध होंगी। ये मशीनें फिंगरप्रिंट और आइरिस स्कैनर से लैस होंगी, जिससे राशन वितरण में सुधार होगा और लाभार्थियों को अधिक सुविधा मिलेगी। पुरानी मशीनों की समस्याओं को देखते हुए, नई तकनीक से राशन वितरण में पारदर्शिता आएगी। अगले 3-4 महीनों में ये मशीनें डिपो होल्डरों को दी जाएंगी।
 

हरियाणा में राशन डिपो से जुड़ी नई तकनीक

हरियाणा समाचार: हरियाणा में राशन डिपो से संबंधित एक महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है। एक समाचार पत्र के अनुसार, राज्य के 9,364 सरकारी राशन डिपो होल्डरों की पुरानी 2जी तकनीक पर आधारित पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीनों को अब नई 5जी तकनीक पर आधारित 10,000 मशीनों से बदला जाएगा।


रिपोर्ट के अनुसार, डिपो होल्डरों ने बताया कि पुरानी मशीनों में अक्सर नेटवर्क की समस्या आती है, और जब नेटवर्क आता है, तो वह बहुत धीमा होता है। इस कारण से, एक कार्ड धारक को राशन प्राप्त करने में लगभग 5 मिनट लगते हैं, जबकि एक परिवार की ई-केवाईसी प्रक्रिया में 30 मिनट तक का समय लग सकता है। इसके अलावा, इन मशीनों की बैटरी भी खराब हो चुकी है। इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, अब डिपो होल्डरों को नई 4जी या 5जी तकनीक पर आधारित मशीनें प्रदान की जाएंगी, और पुरानी मशीनें टेंडर वाली कंपनी को वापस की जाएंगी।


नई मशीनों की विशेषताएँ

फिंगरप्रिंट और आइरिस स्कैनर से लैस होंगी


सूत्रों के अनुसार, नई 5जी मशीनें फिंगरप्रिंट स्कैनर और आइरिस स्कैनर से लैस होंगी। इससे राशन लाभार्थियों के चेहरे की पहचान की जा सकेगी, जिससे बुजुर्गों और बच्चों के फिंगरप्रिंट न आने की समस्या का समाधान होगा। इस तकनीक के माध्यम से राशन कार्ड धारकों को राशन वितरित किया जाएगा और ई-केवाईसी भी की जा सकेगी।


यह उन लोगों के लिए राहत का कारण बनेगा, जो फिंगरप्रिंट से पहचान नहीं करा पाते थे। नई मशीनें सीधे इलेक्ट्रॉनिक वजन मापक यंत्र से जुड़ी होंगी, जिससे लाभार्थी के राशन का वजन सीधे मशीन में दर्ज होगा और यह जानकारी मशीन से निकलने वाली पर्ची में शामिल होगी।


नई मशीनों की उपलब्धता

3 से 4 महीने में डिपो पर मिलेंगी नई मशीनें


खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के सुपरिटेंडेंट अश्वनी कुमार ने बताया कि प्रदेश में आधुनिक तकनीक की पीओएस मशीनें डिपो होल्डरों को प्रदान की जाएंगी। इसके तहत 10,000 पुरानी मशीनों को नई 4जी या 5जी तकनीक पर आधारित मशीनों से बदला जाएगा। ये मशीनें आइरिस स्कैनर से लैस होंगी और इन्हें सीधे इलेक्ट्रॉनिक वजन मापक यंत्र से जोड़ा जाएगा, जिससे राशन वितरण में पारदर्शिता आएगी। अगले 3-4 महीनों में ये मशीनें डिपो होल्डरों को उपलब्ध कराई जाएंगी।