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हरियाणा में शहीद स्मारक का निर्माण: देशभक्ति की नई मिसाल

हरियाणा के बहल कस्बे में एक अनोखा शहीद स्मारक बन रहा है, जो न केवल शहीदों के बलिदान को याद करेगा, बल्कि युवाओं में देश सेवा का जज्बा भी जगाएगा। पूर्व और वर्तमान सैनिकों के सहयोग से बन रहा यह स्मारक, क्षेत्र के लोगों में देशभक्ति की भावना को मजबूत करेगा। जानें इस स्मारक के निर्माण की पूरी कहानी और इसके पीछे की प्रेरणा।
 

शहीद स्मारक का महत्व

Bhiwani News, बहल (भिवानी) : हरियाणा के बहल कस्बे में एक नया शहीद स्मारक बन रहा है, जो देशभक्ति का प्रतीक बनेगा। यह स्मारक क्षेत्र का पहला है, जिसे पूर्व और वर्तमान सैनिकों ने मिलकर चंदा इकट्ठा करके बनाने का निर्णय लिया है। यह स्मारक शहीदों के बलिदान को याद रखने के लिए बनाया जा रहा है, जिससे युवाओं में देश सेवा का जज्बा बढ़ेगा और शहीद परिवारों को गर्व का अनुभव होगा। इस स्मारक के निर्माण पर लगभग 35 लाख रुपये खर्च होंगे और कार्य तेजी से चल रहा है।


सैनिकों की मेहनत से बन रहा स्मारक

भूतपूर्व सैनिक कष्ट निवारण समिति के नेतृत्व में इस स्मारक का सपना देखा गया है। समिति के सदस्य सज्जन बिधनोई ने बताया कि बहल खंड के 28 गांवों और लाखलागों के 8 गांवों के सैनिकों ने मिलकर चंदा इकट्ठा किया है। बहल ग्राम पंचायत ने स्मारक के लिए लोहारू रोड पर एक एकड़ भूमि प्रदान की है, जहां निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। यह स्मारक न केवल शहीदों को सम्मान देगा, बल्कि क्षेत्र में देशभक्ति की भावना को भी मजबूत करेगा।


निर्माण कार्य की प्रगति

6 जुलाई से शुरू हुआ काम, 6 महीने में होगा तैयार

सज्जन बिधनोई ने बताया कि स्मारक का निर्माण कार्य 6 जुलाई को आरंभ हुआ था और यह अगले 6 महीनों में तैयार हो जाएगा। पूर्व मंत्री जेपी दलाल ने इस स्मारक का शिलान्यास किया था। स्मारक में स्वर्गीय शिवकुमार चौधरी के परिवार द्वारा पेयजल के लिए बोरिंग का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें लगभग 20 लाख रुपये खर्च होंगे। समिति के प्रधान मेवा सिंह ने कहा कि यह स्मारक क्षेत्र के सैनिकों के लिए गर्व का विषय है।


सैनिकों का योगदान

सैनिकों का सहयोग बना मिसाल

इस स्मारक के निर्माण में समिति के सचिव सज्जन फौजी, कोषाध्यक्ष महेंद्र सोनी, कर्नल ब्रह्म सिंह, महावीर सिंह, रोहतास, मानसिंह, महासिंह, रामकरण, सूबे सिंह और डीएन मंढोली सहित कई पूर्व और वर्तमान सैनिकों का योगदान है। यह स्मारक न केवल शहीदों की यादों को संजोएगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को देश के प्रति कुछ करने की प्रेरणा भी देगा।