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हरियाणा में श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी में बदलाव की घोषणा

हरियाणा में श्रमिकों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की गई है, जिसमें न्यूनतम मजदूरी दरों में संशोधन किया जाएगा। यह कदम लाखों श्रमिकों को आर्थिक लाभ पहुंचाने के साथ-साथ उनके जीवन स्तर में सुधार लाने की उम्मीद जगाता है। सरकार ने इस प्रक्रिया को प्राथमिकता दी है और एक विशेष समिति का गठन किया है, जो अगले 90 दिनों में सिफारिशें प्रस्तुत करेगी। यह बदलाव श्रमिकों की मेहनत का सही मूल्यांकन करेगा और उनके परिवारों के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करेगा।
 

हरियाणा के श्रमिकों के लिए राहत की खबर

हरियाणा में श्रमिकों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना आई है। राज्य सरकार ने न्यूनतम मजदूरी दरों में बदलाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे लाखों श्रमिकों को आर्थिक लाभ मिलने की संभावना है।


यह निर्णय श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार लाने के साथ-साथ उनकी मेहनत को उचित मान्यता भी देगा। सरकार की इस पहल ने उन श्रमिकों में नई उम्मीद जगाई है, जो लंबे समय से मजदूरी दरों में परिवर्तन की प्रतीक्षा कर रहे थे.


सूत्रों के अनुसार, न्यूनतम मजदूरी में अंतिम संशोधन 2015 में हुआ था, और अगला बदलाव 2020 में प्रस्तावित था। हालांकि, विभिन्न कारणों से यह प्रक्रिया रुकी रही, लेकिन अब सरकार ने इसे प्राथमिकता दी है। इसके लिए एक विशेष समिति का गठन किया गया है, जिसका नेतृत्व संयुक्त श्रम आयुक्त परमजीत सिंह करेंगे.


इस समिति में श्रम, वित्त और नियोजन विभाग के दो अधिकारी और भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के जोनल संगठन सचिव पवन कुमार को विषय विशेषज्ञ के रूप में शामिल किया गया है। उप श्रम आयुक्त विश्वजीत सिंह हुड्डा को उप समिति का अध्यक्ष बनाया गया है.


यह समिति अगले 90 दिनों में अपनी सिफारिशें सरकार को प्रस्तुत करेगी। यदि ये सिफारिशें समय पर लागू होती हैं, तो यह हरियाणा के लाखों श्रमिकों के लिए एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा.


यह पहल श्रमिकों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के साथ-साथ राज्य में सामाजिक और आर्थिक समानता को भी बढ़ावा देगी। श्रमिकों का मानना है कि यह बदलाव उनकी मेहनत का सही मूल्यांकन करेगा और उनके परिवारों के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करेगा.