हरियाणा में सीईटी नियमों के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर
नाबालिग अभ्यर्थी ने दाखिल की याचिका
हरियाणा में सरकारी नौकरी के लिए आयोजित होने वाली संयुक्त पात्रता परीक्षा (सीईटी) के नियमों के खिलाफ एक याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई है। यह याचिका एक नाबालिग अभ्यर्थी प्रभजीत सिंह द्वारा प्रस्तुत की गई है, जो कैथल का निवासी है। याचिका में कहा गया है कि उसे केवल 33 दिन की उम्र की कमी के कारण परीक्षा में शामिल होने से रोका गया है, जबकि वह सभी आवश्यक योग्यताएं पूरी करता है।
शैक्षणिक योग्यता पूरी करने के बावजूद अयोग्यता
प्रभजीत ने 2023 में दसवीं और 2025 में बारहवीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण की है, जिससे वह सीईटी परीक्षा के लिए आवश्यक शैक्षणिक योग्यता (10 जमा 2) प्राप्त करता है। इसके बावजूद, हरियाणा सरकार ने 31 दिसंबर 2024 को सीईटी के लिए जारी नीति और 26 मई 2025 की विज्ञप्ति में यह शर्त रखी है कि जिन आवेदकों की उम्र निर्धारित न्यूनतम सीमा (18 वर्ष) से कम है, वे आवेदन करने के लिए अयोग्य माने जाएंगे।
सीईटी के लिए आवेदन की अनुमति की मांग
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि हरियाणा सिविल सेवा नियम 2016 (संशोधित 2023) के अनुसार सरकारी सेवा में प्रवेश के लिए न्यूनतम उम्र सीमा 18 वर्ष और अधिकतम 42 वर्ष है। चूंकि सीईटी केवल एक पात्रता परीक्षा है और चयन प्रक्रिया (मुख्य परीक्षा एवं नियुक्ति) जुलाई 2025 के बाद ही संभावित है, इसलिए याचिकाकर्ता को आवेदन करने की अनुमति दी जानी चाहिए, क्योंकि वह नियुक्ति से पहले 18 वर्ष का हो जाएगा।
उम्र की तकनीकी कमी पर रोक नहीं
याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि प्रभजीत की आयु आवेदन की अंतिम तिथि 12 जून 2025 को 17 वर्ष 10 महीने 20 दिन थी, यानी वह केवल 33 दिन कम है। ऐसे में उसे केवल उम्र की तकनीकी कमी के आधार पर परीक्षा में बैठने से रोकना उचित नहीं है। इस मामले की प्रारंभिक सुनवाई करते हुए जस्टिस सुदीप्ति शर्मा ने हरियाणा सरकार और कर्मचारी चयन आयोग को नौ जून के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
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