हरियाणा रोडवेज और सीटीयू के किराए में असमानता से यात्रियों में असंतोष
हरियाणा रोडवेज में बच्चों का पूरा किराया
हरियाणा रोडवेज की वातानुकूलित बसों में 3 से 12 वर्ष के बच्चों से पूरा किराया लिया जा रहा है, जबकि चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (सीटीयू) की एसी बसों में इसी आयु वर्ग के बच्चों के लिए आधा किराया निर्धारित है। इस भिन्नता ने यात्रियों, विशेषकर परिवारों में असंतोष पैदा कर दिया है, और कई लोग अब सीटीयू बसों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
किराए में असमानता से नाराजगी
यात्री यह महसूस कर रहे हैं कि जब सीटीयू की बसें सुविधाओं और आराम के मामले में बेहतर हैं, तो हरियाणा रोडवेज की बसों में बच्चों का पूरा किराया लेना उचित नहीं है।
सीटीयू की बसों की लोकप्रियता
परिवारों के बीच यह आम धारणा है कि सीटीयू की एसी बसें सीट की सुविधा, रखरखाव और यात्रा के अनुभव में बेहतर हैं। एक यात्री ने कहा, "सीटीयू में बच्चों का आधा किराया होता है, सीटें एडजस्टेबल हैं, जिससे यात्रा आरामदायक होती है। हरियाणा रोडवेज की एसी बस में यह सुविधा नहीं है और पूरा किराया देना पड़ता है।"
किराया नीति की समस्या
परिवहन विशेषज्ञों का कहना है कि हरियाणा रोडवेज किराए को औसत यात्री संख्या और परिचालन लागत से जोड़कर देखती है, जबकि चंडीगढ़ प्रशासन की बस सेवा शहर आधारित है, जहां किराया नीति अधिक लचीली है।
परिचालकों पर तनाव
ऑल हरियाणा इंटक यूनियन के सचिव ने बताया कि टिकट को लेकर अक्सर विवाद होते हैं। कई बार अभिभावक परिचालकों पर आरोप लगाते हैं कि वे जानबूझकर पूरा किराया ले रहे हैं, जिससे यात्रियों की संख्या कम हो जाती है।
महत्वपूर्ण मुद्दा
यह किराया अंतर न केवल यात्रियों की जेब पर असर डाल रहा है, बल्कि हरियाणा रोडवेज के राजस्व और छवि पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। परिवार आधारित यात्रा का एक बड़ा हिस्सा अब सीटीयू की ओर शिफ्ट हो रहा है।
भविष्य में संभावित बदलाव
परिवहन विभाग के सूत्रों के अनुसार, किराया नीति की समीक्षा की संभावना है, क्योंकि यात्रियों की शिकायतें बढ़ रही हैं। आने वाले समय में बच्चों के लिए रियायती किराया लागू करने पर विचार किया जा सकता है।