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हरियाणा सरकार का अग्निवीर शहीदों के लिए 1 करोड़ रुपये का मुआवजा

हरियाणा सरकार ने अग्निवीर शहीदों के परिवारों के लिए 1 करोड़ रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। यह योजना युद्ध या आतंकवादी हमलों में शहीद होने वाले अग्निवीरों के प्रति सम्मान और सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से बनाई गई है। इसके अलावा, वीरता प्रदर्शित करने वाले अग्निवीरों को विभिन्न पुरस्कारों के लिए नकद राशि भी दी जाएगी। जानें इस योजना के तहत मिलने वाले लाभ और वितरण नीति के बारे में।
 

अग्निवीर शहीदों के लिए मुआवजा योजना

हरियाणा सरकार ने अग्निवीर शहीदों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। युद्ध या आतंकवादी हमलों में शहीद होने वाले अग्निवीरों के परिवारों को 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।


इसके साथ ही, वीरता प्रदर्शित करने वाले अग्निवीरों को परमवीर चक्र और महावीर चक्र जैसे पुरस्कारों के लिए नकद राशि भी दी जाएगी। यह कदम अग्निवीरों को अन्य सैनिकों के समान सम्मान देने के उद्देश्य से उठाया गया है। आइए, इस योजना के विवरण और इसके लाभों पर नज़र डालते हैं।


शहीदों के परिवारों के लिए आर्थिक सहायता

हरियाणा सरकार ने अग्निवीरों के लिए विशेष प्रावधान किए हैं। युद्ध या आतंकवादी झड़पों में शहीद होने पर उनके परिवार को 1 करोड़ रुपये की एकमुश्त राशि मिलेगी।


यह राशि परिवार को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगी। राशि का वितरण भी निर्धारित किया गया है। शहीद के पति या पत्नी को 35% राशि मिलेगी, चाहे उन्होंने पुनर्विवाह किया हो या नहीं। बच्चों को 35% और माता-पिता को 30% राशि दी जाएगी। अविवाहित शहीद के मामले में माता-पिता को 50-50% हिस्सा मिलेगा। यह नीति परिवारों को सम्मान और सहायता दोनों प्रदान करती है।


वीरता पुरस्कारों में अग्निवीरों का समावेश

हरियाणा सरकार ने अग्निवीरों को वीरता पुरस्कारों में शामिल किया है। परमवीर चक्र विजेता को 2 करोड़, महावीर चक्र को 1 करोड़, और वीर चक्र को 50 लाख रुपये मिलेंगे। सेना पदक के लिए 21 लाख और अन्य वीरता पुरस्कारों के लिए 10 लाख रुपये दिए जाएंगे।


शांति काल में असाधारण साहस दिखाने वाले अग्निवीरों को भी सम्मानित किया जाएगा। अशोक चक्र विजेता को 1 करोड़, कीर्ति चक्र को 51 लाख, और शौर्य चक्र को 31 लाख रुपये मिलेंगे। यह कदम अग्निवीरों का मनोबल बढ़ाएगा।


परिवारों के लिए निष्पक्ष वितरण नीति

यदि शहीद अग्निवीर अविवाहित है और माता-पिता जीवित नहीं हैं, तो राशि उनके भाई-बहनों को मिलेगी, बशर्ते वे आश्रित हों। अगर कोई संतान नहीं है, तो 50% राशि विधवा और 50% माता-पिता को दी जाएगी। सैनिक और अर्धसैनिक कल्याण विभाग ने इन नियमों को अधिसूचित कर दिया है।


यदि किसी अन्य राज्य से पुरस्कार मिला है, तो हरियाणा की राशि नहीं दी जाएगी। यह नीति पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करती है। यह योजना अग्निवीरों और उनके परिवारों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।