हरियाणा सरकार की नई योजना: बेटियों के विवाह के लिए बढ़ी सहायता राशि
मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना में वृद्धि
हरियाणा सरकार ने सामाजिक न्याय और समावेशी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए "मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना" के तहत दी जाने वाली सहायता राशि में वृद्धि की है। अब प्रदेश के पिछड़ा वर्ग (BC) के योग्य परिवारों को बेटियों के विवाह पर ₹51,000 की शगुन राशि मिलेगी, जो पहले ₹41,000 थी।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद यह योजना पिछड़ा वर्ग कल्याण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बन गई है। सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी परिवार आर्थिक कठिनाई के कारण अपनी बेटी के विवाह में असहाय न महसूस करे। इस सहायता से न केवल आर्थिक बोझ कम होगा, बल्कि सामाजिक समरसता को भी बढ़ावा मिलेगा।
लाभार्थियों की सूची
योजना का लाभ निम्नलिखित पात्र लाभार्थियों को मिलेगा:
⦁ पिछड़ा वर्ग के परिवार, जिनकी वार्षिक आय ₹1.80 लाख या उससे कम है और जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं।
⦁ महिला खिलाड़ी, जिन्हें उनकी शादी के समय ₹51,000 की सहायता दी जाएगी।
⦁ दिव्यांग जोड़े, जिनमें से कोई एक दिव्यांग हो।
अन्य वर्गों के लिए भी लाभ
यह योजना केवल पिछड़ा वर्ग तक सीमित नहीं है। हरियाणा सरकार ने अन्य वंचित वर्गों के लिए भी सहायता प्रदान की है:
⦁ अनुसूचित जाति (SC), विमुक्त जाति और टपरीवास समुदाय के पात्र परिवारों को ₹71,000 की शगुन राशि दी जाती है।
⦁ विधवा, तलाकशुदा, अनाथ या बेसहारा महिलाएं, जो पुनर्विवाह कर रही हैं, उन्हें ₹51,000 की सहायता दी जाती है।
⦁ दोनों दिव्यांग नवविवाहित जोड़े को भी ₹51,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
आवेदन प्रक्रिया
योजना का लाभ लेने के लिए विवाह की तिथि से 6 माह के भीतर विवाह पंजीकरण कराना अनिवार्य है। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल, पारदर्शी और सरल बनाई गई है, ताकि राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के पात्र लाभार्थी बिना किसी बाधा के इस योजना से जुड़ सकें। पात्र लाभार्थी shadi.edisha.gov.in पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
सामाजिक न्याय की दिशा में कदम
राज्य सरकार की यह योजना केवल वित्तीय सहायता नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय, सम्मान और समानता के अवसर सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि सरकार हरियाणा के वंचित वर्गों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे वे आत्मनिर्भरता और गरिमा के साथ अपना जीवन जी सकें।