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हरियाणा सरकार ने गर्मी से बचाव के लिए नई गाइडलाइंस जारी की

हरियाणा सरकार ने राज्य में बढ़ती गर्मी के चलते नागरिकों से सतर्क रहने का आग्रह किया है। उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि वे गर्मी से बचाव के उपायों के बारे में जागरूकता फैलाएं। इसमें सार्वजनिक स्थानों पर पेयजल की उपलब्धता, हीट स्ट्रोक के मरीजों के लिए चिकित्सा आपूर्ति और काम के घंटों के बारे में सलाह शामिल है। जानें और क्या उपाय किए जा रहे हैं और गर्मी से बचने के लिए क्या करना चाहिए।
 

गर्मी से बचाव के लिए सरकार की पहल

हरियाणा सरकार ने राज्य में बढ़ती गर्मी के मद्देनजर नागरिकों से सतर्क रहने और अपने परिवार तथा पशुओं की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने का अनुरोध किया है।


राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की वित्त आयुक्त, डॉ. सुमिता मिश्रा ने उपायुक्तों को निर्देशित किया है कि वे अपने जिलों में गर्मी से बचने के उपायों के बारे में जागरूकता फैलाएं और यह सुनिश्चित करें कि मनुष्यों और जानवरों पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को कम करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जाएं।


सुरक्षा उपायों की सूची

इन उपायों में सार्वजनिक स्थानों पर पर्याप्त पेयजल की उपलब्धता, गर्मी से बचाव के लिए जन जागरूकता अभियान चलाना, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में हीट स्ट्रोक के मरीजों के लिए चिकित्सा आपूर्ति सुनिश्चित करना और गर्मी की चरम अवधि के दौरान काम करने वालों के लिए काम के घंटे निर्धारित करना शामिल है।


डॉ. मिश्रा ने लोगों से आग्रह किया है कि वे 'क्या करें और क्या न करें' के नियमों का पालन करें ताकि हीट स्ट्रोक के प्रभाव को कम किया जा सके।


निर्जलीकरण से बचाव

निर्जलीकरण से निपटने के लिए सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को पर्याप्त सलाइन घोल और बिस्तरों से लैस रखने के निर्देश दिए गए हैं। नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे प्यास लगने से पहले भी पानी पिएं और यात्रा के दौरान पानी साथ रखें।


हल्के रंग के ढीले कपड़े पहनने, धूप से बचने के लिए छाता या टोपी का उपयोग करने की सलाह भी दी गई है।


गर्मी से संबंधित बीमारियों की पहचान

डॉ. मिश्रा ने गर्मी से संबंधित बीमारियों जैसे कमजोरी, चक्कर आना, सिरदर्द, मतली, पसीना आना और दौरे के लक्षणों की पहचान के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति बेहोश या बीमार महसूस करता है, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए।


जानवरों की सुरक्षा भी प्राथमिकता है, इसलिए उन्हें छाया में रखने और पर्याप्त पानी देने की सलाह दी गई है। गर्भवती महिलाओं और चिकित्सा स्थितियों वाले लोगों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।