हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन गोपीचंद हिंदुजा का निधन, 85 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली
गोपीचंद हिंदुजा का निधन
नई दिल्ली - भारतीय मूल के अरबपति और हिंदुजा ग्रुप के अध्यक्ष गोपीचंद परमानंद हिंदुजा का 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके परिवार में पत्नी सुनीता, दो बेटे संजय और धीरज, और एक बेटी रीता शामिल हैं। उनकी मृत्यु की सूचना ब्रिटिश सांसद रामी रेंजर ने मंगलवार को दी। रेंजर ने उन्हें 'एक विनम्र, उदार और वफादार मित्र' के रूप में याद करते हुए कहा कि उनके निधन से एक युग का अंत हो गया है।
व्यवसायिक सफर
गोपीचंद हिंदुजा ने 2023 में अपने बड़े भाई श्रीचंद हिंदुजा के निधन के बाद चेयरमैन का पद संभाला था। इसी वर्ष, संडे टाइम्स रिच लिस्ट में हिंदुजा परिवार ने ब्रिटेन के सबसे अमीर लोगों की सूची में अपनी स्थिति बनाए रखी। उनका करियर 1959 में मुंबई में हिंदुजा ग्रुप से शुरू हुआ। गोपीचंद हिंदुजा चार भाइयों में दूसरे नंबर पर थे। उनके बड़े भाई श्रीचंद का निधन 2023 में हुआ था, जबकि उनके बाद प्रकाश और अशोक हिंदुजा जीवित हैं।
हिंदुजा ग्रुप की उपलब्धियाँ
1984 में गल्फ ऑयल का अधिग्रहण गोपीचंद हिंदुजा का निर्णय था, और 1987 में उन्होंने संकट में फंसी अशोक लीलैंड को खरीदा। यह घटना भारत की सबसे बड़ी कॉर्पोरेट सफलताओं में से एक मानी जाती है। उनकी अगुवाई में कंपनी ने पावर और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में भी कदम रखा। गोपीचंद ने मुंबई के जय हिंद कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और बाद में यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टमिन्सटर से कानून में डॉक्टरेट की।
हिंदुजा ग्रुप का परिचय
हिंदुजा ग्रुप के बारे में
हालांकि हिंदुजा परिवार लंदन में निवास करता है, लेकिन कंपनी का मुख्यालय अभी भी मुंबई में स्थित है। हिंदुजा ग्रुप बैंकिंग, फाइनेंस, ऊर्जा, मीडिया, ट्रकिंग, लुब्रिकेंट और केबल टेलीविजन के क्षेत्रों में कार्यरत है। इस समूह में लगभग 2 लाख लोग कार्यरत हैं। कंपनी की स्थापना 1919 में परमानंद दीपचंद हिंदुजा द्वारा की गई थी, और इसकी नींव सिंध में रखी गई थी, जो अब पाकिस्तान में है।