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हिमाचल प्रदेश में डॉक्टरों का सामूहिक अवकाश, बर्खास्तगी के खिलाफ हड़ताल की चेतावनी

हिमाचल प्रदेश में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने सीनियर रेजिडेंट डॉ. राघव निरूला की बर्खास्तगी के खिलाफ सामूहिक अवकाश लिया है। यदि सरकार ने 26 दिसंबर को बर्खास्तगी का निर्णय वापस नहीं लिया, तो 27 दिसंबर से हड़ताल की चेतावनी दी गई है। प्रदेशभर के डॉक्टर संगठनों ने इस मुद्दे पर एकजुटता दिखाई है। जानें इस मामले में आगे क्या होगा और डॉक्टरों की मांगें क्या हैं।
 

डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन

शिमला: इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) में एक डॉक्टर और मरीज के बीच हुई मारपीट के बाद पल्मोनरी विभाग के सीनियर रेजिडेंट डॉ. राघव निरूला की बर्खास्तगी के खिलाफ प्रदेश के डॉक्टर संगठनों ने आवाज उठाई है।


आइजीएमसी रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए), हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन (एचपीएमओए) और स्टेट एसोसिएशन ऑफ मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज टीचर्स (सेमडिकोट) ने इस निर्णय को बदलने की मांग की है।


आरडीए ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार 26 दिसंबर को डॉ. राघव की बर्खास्तगी का निर्णय वापस नहीं लेती, तो 27 दिसंबर से वे प्रदेशभर में हड़ताल पर चले जाएंगे। आरडीए की इस घोषणा के बाद 26 दिसंबर को आइजीएमसी में 450 डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर रहेंगे।


एचपीएमओए के प्रेस सचिव डॉ. विजय ने बताया कि शुक्रवार को प्रदेशभर के 2400 डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। इस एसोसिएशन ने भी आरडीए के समर्थन में एक दिन के सामूहिक अवकाश पर जाने का निर्णय लिया है।


आरडीए के अध्यक्ष डॉ. सोहेल शर्मा ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री से बैठक के बाद भी उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो 27 दिसंबर सुबह 9:30 बजे से हड़ताल शुरू की जाएगी। इस दौरान ओपीडी, वैकल्पिक ऑपरेशन और नियमित सेवाएं बंद रहेंगी, जबकि आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी।


डॉक्टरों के साथ हो रहे अन्याय को देखते हुए संगठनों ने सामूहिक आकस्मिक छुट्टी (सीएल) लेने का निर्णय लिया है। डॉ. विजय ने आरडीए के रुख का समर्थन किया है।


उन्होंने कहा कि 26 दिसंबर को सुबह आइजीएमसी के रेजिडेंट डॉक्टर मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू से मुलाकात करेंगे और डॉ. राघव को बर्खास्त करने का निर्णय वापस लेने का आग्रह करेंगे। मुलाकात के बाद आरडीए जो भी निर्णय लेगा, एचपीएमओए उसका समर्थन करेगा। सेमडिकोट के अध्यक्ष डॉ. बलवीर वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री से मिलने के लिए समय मांगा गया है और मुलाकात के बाद ही आगामी रणनीति तय की जाएगी।


सेमडिकोट का मानना है कि बिना उचित प्रक्रिया और पक्षों की सुनवाई के लिए लिए गए कठोर प्रशासनिक निर्णय शिक्षण-चिकित्सा संस्थानों के माहौल और कार्यसंस्कृति पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। कांगड़ा स्थित टांडा मेडिकल कॉलेज के आरडीए के अध्यक्ष डॉ. क्रांति ने आइजीएमसी आरडीए का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री के साथ वार्ता सफल नहीं रही, तो टांडा के 400 डॉक्टर शुक्रवार को सामूहिक अवकाश पर चले जाएंगे। डॉक्टर संगठनों की चेतावनी के बाद अब सभी की नजरें मुख्यमंत्री के साथ होने वाली बैठक पर टिकी हैं।


आरडीए के अध्यक्ष डॉ. सोहेल शर्मा ने आरोप लगाया कि डॉ. राघव को जान से मारने और देश छोड़ने की धमकी दी गई है। उन्होंने कहा कि यह धमकी नरेश दास्टा नामक व्यक्ति ने दी है। एसोसिएशन ने मांग की है कि धमकी मामले में तुरंत एफआईआर दर्ज की जाए।