हिमाचल में सहकारिता सम्मेलन: उप-मुख्यमंत्री ने विश्वास और विकास की बात की
सहकारिता सम्मेलन का आयोजन
शिमला: नाबार्ड ने आज शिमला में अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के तहत एक सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने सहकारिता को एक भरोसे का प्रतीक बताते हुए कहा कि इसे बनाए रखना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार और सहकारिता को मिलकर इस क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए विचार-विमर्श करना चाहिए।
हिमाचल का सहकारी इतिहास
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी सहकारी की चर्चा होगी, हिमाचल का नाम हमेशा लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य में पहली सहकारी सोसाइटी बढेड़ा में पंजीकृत हुई थी। उन्होंने यह भी बताया कि सहकारी का साम्राज्य सरकार के बजट के बराबर है।
सहकारी बैंक और लोगों का विश्वास
सहकारी बैंक है लोगों के विश्वास की पूंजी
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सहकारी बैंकों का व्यवहार ऐसा होना चाहिए कि वे अपनी सोसाइटी को आगे बढ़ा सकें। उन्होंने कहा कि लोगों का पैसा सोसाइटी पर विश्वास के आधार पर होता है, और यह विश्वास हमेशा बना रहना चाहिए। हिमाचल ने सहकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए हैं, जैसे भुट्टिको उत्पादों की पहचान।
शिक्षा में सहकारिता का योगदान
शिक्षा के क्षेत्र में भी सहकारिता का योगदान अतुलनीय
उन्होंने बताया कि ऊना जिले में हिम कैप्स ने सहकारी जगत का पहला लॉ कॉलेज खोला है। इस संस्था ने नर्सिंग का संस्थान भी खोला है, जिससे निकली नर्सें देशभर में सेवाएं दे रही हैं।
धारा 118 पर चर्चा
धारा 118 के तहत हिमाचलियों को छूट देने के लिए सेलेक्ट समिति के पास गया है बिल
उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में नाबार्ड का सहयोग महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि धारा 118 के तहत जिन सोसाइटियों के पास जमीन नहीं है, उनके लिए कानून तैयार किया गया है।
समितियों को पुनः सक्रिय करने की आवश्यकता
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि काँगड़ा की चाय, लाहौल की आलू और कुल्लू की हिम बुनकर सोसाइटियों को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है। इसके लिए नाबार्ड को विचार करना होगा। उन्होंने इलेक्ट्रिक व्हीकल नेटवर्क को बढ़ाने में नाबार्ड के सहयोग की भी चर्चा की।
ऋण अदायगी का महत्व
समय पर करें कोआपरेटिव बैंक से लिए हुए ऋण की अदायगी
उन्होंने कहा कि हिमाचल में सहकारिता क्षेत्र से 20 लाख लोग जुड़े हैं और यह 50 हजार करोड़ रुपए का साम्राज्य है। उन्होंने लोगों से समय पर ऋण की अदायगी करने की अपील की।
सहकारिता क्षेत्र में युवाओं की भागीदारी
सचिव सहकारिता विभाग सी. पालरासु ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए युवाओं को जोड़ना आवश्यक है। उन्होंने विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करने की जानकारी दी।
सम्मेलन में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
इस अवसर पर क्षेत्रीय निदेशक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अनुपम किशोर और नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक डॉ विवेक पठानिया भी उपस्थित रहे।