हिमाचल में सेब की खेती: 40°C में भी सफल किसान की प्रेरक कहानी
हिमाचल सेब खेती: पूर्ण चंद का अनोखा कीर्तिमान
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में किसान पूर्ण चंद ने सेब की खेती में एक नया मानक स्थापित किया है। आमतौर पर सेब को ठंडे पहाड़ी क्षेत्रों की फसल माना जाता है, लेकिन पूर्ण चंद ने 40 डिग्री सेल्सियस के गर्म मौसम में भी सेब की शानदार पैदावार कर सबको चौंका दिया है। उनके बागों में लहलहाते सेब न केवल उनकी मेहनत का प्रमाण हैं, बल्कि अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन गए हैं। इस सीजन में उन्हें 1 से 1.5 लाख रुपये की आय की उम्मीद है।
नवाचार से शुरू हुआ सफर
पूर्ण चंद ने छह साल पहले पारंपरिक खेती को छोड़कर सेब की बागवानी शुरू की। उन्होंने बागवानी विभाग की सहायता से अपने खेतों में अन्ना और डोरसेट प्रजाति के 300 सेब के पौधे लगाए। इस वर्ष 140 पौधों में फल आए हैं।
आर्थिक बदलाव और प्रेरणा का स्रोत
पूर्ण चंद का कहना है कि गेहूं और मक्की की खेती से उन्हें अधिक लाभ नहीं मिल रहा था। सेब की खेती ने उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार किया है और अब लोग उनके खेतों को देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं। उनकी मेहनत और नवाचार ने यह साबित कर दिया है कि सही दिशा में कदम उठाकर असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है।
स्थायी रोजगार और स्थानीय विकास
पूर्ण चंद की सेब की खेती केवल उनकी आय तक सीमित नहीं है। उन्होंने अपनी नर्सरी को सरकारी पंजीकरण कराया है और अब सेब के पौधे भी बेचते हैं। उनके खेतों में सालभर 12 स्थायी मजदूर काम करते हैं, जिन्हें अच्छी तनख्वाह के साथ बागवानी का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। आस-पास के किसान उनसे प्रेरित होकर बागवानी शुरू कर रहे हैं।
सफलता की कहानी
पूर्ण चंद का मानना है कि बदलते मौसम में नई तकनीकों को अपनाकर खेती को लाभकारी बनाया जा सकता है। उनकी यह पहल न केवल स्वरोजगार को बढ़ावा दे रही है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत कर रही है। उनकी कहानी हर किसान के लिए प्रेरणा है जो कुछ नया करना चाहता है।