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हूती विद्रोहियों का एयर डिफेंस सिस्टम: अमेरिका और इजराइल को कैसे दे रहे हैं चुनौती?

हूती विद्रोहियों ने अमेरिका और इजराइल जैसी सैन्य शक्तियों के खिलाफ अपने एयर डिफेंस सिस्टम का प्रदर्शन किया है। इस लेख में, हम जानेंगे कि कैसे उन्होंने 22 MQ-9 Reaper ड्रोन को गिराया और इजराइली जेट्स को निशाना बनाया। उनके पास मौजूद तकनीक, जैसे Saqr-1 मिसाइल और मॉडिफाइड रूसी मिसाइलें, उन्हें एक नई ताकत प्रदान कर रही हैं। क्या ईरान की मदद से ये विद्रोही अपनी सैन्य क्षमता को और बढ़ा रहे हैं? जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख।
 

हूती विद्रोहियों की मजबूती का रहस्य

अमेरिका और इजराइल जैसी शक्तिशाली सैन्य ताकतों के निरंतर मिसाइल और ड्रोन हमलों के बावजूद, हूती विद्रोही जिस दृढ़ता से खड़े हैं, उसने वैश्विक रणनीतिक विश्लेषकों को चौंका दिया है। यह जानना दिलचस्प है कि वे कौन सी तकनीक और एयर डिफेंस सिस्टम का उपयोग कर रहे हैं, जिससे वे इतनी प्रभावी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इस लेख में, हम हूती के एयर डिफेंस सिस्टम की गहराई में जाएंगे, जिसने 3 करोड़ डॉलर के अमेरिकी ड्रोन को गिराने और इजराइली जेट्स को हवा में ही निशाना बनाने में मदद की है.


अमेरिका को 22 बार का झटका

हूती विद्रोहियों का दावा है कि उन्होंने अक्टूबर 2023 से अब तक 22 MQ-9 Reaper ड्रोन को नष्ट किया है। ये वही ड्रोन हैं, जिन्हें अमेरिका अत्याधुनिक मानता है और जिनकी कीमत लगभग 3 करोड़ डॉलर प्रति यूनिट है। अमेरिकी रक्षा विभाग ने भी मार्च 2025 के बाद 67 ड्रोन गिरने की पुष्टि की है, जिससे हूती के दावों की विश्वसनीयता बढ़ती है.


पहली बार एयर डिफेंस का खुला प्रदर्शन

हाल ही में, जब इजराइल ने यमन पर बड़ा हवाई हमला किया, तो हूती संगठन 'अंसारुल्लाह' ने पहली बार अपने देश में निर्मित एयर डिफेंस सिस्टम का खुला उपयोग किया। जैसे ही इजराइली फाइटर जेट्स यमन के आसमान में दाखिल हुए, हूती विद्रोहियों ने दर्जनों मिसाइलें दागीं, जिससे इजराइल और अमेरिका के खेमे में हड़कंप मच गया.


358 मिसाइल: हवा में मंडराती मौत

हूती विद्रोहियों की सबसे घातक मिसाइल 358 है, जिसे वे Saqr-1 कहते हैं। यह एक लॉइटरिंग मिसाइल है, जो लंबे समय तक आसमान में घूमती रहती है और सही समय पर हमला करती है। इसमें टर्बोजेट इंजन है, जो इसे अन्य पारंपरिक मिसाइलों से अलग बनाता है। 2019 में अमेरिकी नेवी ने इसकी पहली झलक तब देखी थी जब उन्होंने एक जहाज से इसके पुर्जे जब्त किए थे। अब यह मिसाइल हूती के पास सक्रिय रूप से तैनात है.


रूस की एयर-टू-एयर मिसाइलों का नया जन्म

हूती विद्रोहियों के पास रूस से मिली पुरानी एयर-टू-एयर मिसाइलें भी हैं, जिन्हें उन्होंने पूरी तरह से मॉडिफाई किया है। इन मिसाइलों को अब ज़मीन से हवा में मार करने वाले सिस्टम में बदल दिया गया है:

R-73E → Thaqib-1

R-27T → Thaqib-2

R-77 → Thaqib-3

कहा जा रहा है कि इसमें ईरान की तकनीकी मदद भी शामिल है, लेकिन हूती विद्रोही खुद भी पुराने हथियारों को नई जान देने में माहिर हो चुके हैं.


कबाड़ से तैयार किया जंग का नया Arsenal

2014 में यमन की सत्ता पर कब्जा करने के बाद, हूती विद्रोहियों को सरकार के पुराने सोवियत दौर के एयर डिफेंस सिस्टम मिले। जिन्हें दुनिया ने कबाड़ मान लिया था, हूती ने उन्हें फिर से सक्रिय कर दिया है.

S-75: भारी रडार गाइडेड मिसाइल, जो दूर से टारगेट को ट्रैक कर गिराने में सक्षम है.

2K12 Kub: मोबाइल सिस्टम, जो फाइटर जेट्स को हवा में ही निशाना बना सकता है.

Strela Missiles: कंधे पर रखकर दागी जाने वाली छोटी लेकिन प्रभावी मिसाइलें.

इन सभी हथियारों को हूती ने स्थानीय स्तर पर मॉडिफाई किया और जमीन से आसमान तक एक मजबूत एयर डिफेंस तैनात किया है.


तकनीक और ट्रेनिंग दोनों में मदद?

विशेषज्ञों का मानना है कि हूती को ईरान की ओर से तकनीकी सहयोग, प्रशिक्षण और पार्ट्स की मदद मिल रही है। ईरानी हथियार जैसे Fateh-110, Qasef ड्रोन, और Raad मिसाइल सिस्टम के नक्शेकदम पर हूती अपने सिस्टम तैयार कर रहे हैं.