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हैदराबाद का चिलकुर बालाजी मंदिर: पासपोर्ट लेकर जाने का अनोखा अनुभव

हैदराबाद का चिलकुर बालाजी मंदिर एक अनोखी जगह है जहां लोग अपने पासपोर्ट के साथ भगवान के दरबार में जाते हैं। यहां की मान्यता है कि भक्तों की मन्नतें पूरी होती हैं और उन्हें विदेश का वीजा मिल जाता है। हर साल हजारों युवा इस मंदिर में आते हैं, खासकर अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जाने के इच्छुक। जानें इस मंदिर की विशेषताएँ और वीजा मन्नत की परंपरा के बारे में।
 

चिलकुर बालाजी मंदिर की विशेषताएँ

चिलकुर बालाजी मंदिर: आजकल विदेश यात्रा करना कई लोगों का सपना बन गया है। लेकिन वीजा की प्रक्रिया, एंबेसी के चक्कर और दस्तावेजों की जांच से कई लोग थक जाते हैं। क्या आप जानते हैं कि हैदराबाद में एक ऐसा मंदिर है जहां लोग सीधे अपने पासपोर्ट के साथ भगवान के दरबार में जाते हैं? यहां की मान्यता है कि यहां की गई मन्नत से विदेश का वीजा तुरंत मिल जाता है। इस मंदिर को लोग प्यार से 'वीजा बालाजी मंदिर' के नाम से जानते हैं। आइए, इस मंदिर के बारे में और जानें।


वीजा मन्नत की परंपरा

यह मंदिर भगवान विष्णु के बालाजी रूप को समर्पित है। यहां हर साल हजारों युवा पासपोर्ट लेकर मन्नत मांगने आते हैं। मान्यता है कि प्रार्थना के बाद उन्हें विदेश जाने का वीजा मिल जाता है। भक्त भगवान को प्रसन्न करने के लिए कई कठोर उपाय करते हैं और नंगे पैर 108 परिक्रमाएं करते हैं। विशेष रूप से अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप जाने वाले छात्र और पेशेवर यहां नियमित रूप से आते हैं।


वीजा प्राप्ति के लिए भक्त भगवान बालाजी के सामने 11 परिक्रमा लगाते हैं। जब वीजा मिल जाता है, तो वे दोबारा आकर 108 परिक्रमा पूरी करते हैं। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है, और यहां के पुजारी, स्थानीय दुकानदार और भक्त मानते हैं कि अगर सच्चे मन से मन्नत मांगी जाए, तो वीजा मिलना निश्चित है। हर हफ्ते सैकड़ों युवा अपने पासपोर्ट और सपनों के साथ मंदिर पहुंचते हैं।