AI का भविष्य: नौकरियों में सहायक या प्रतिस्थापन?
AI और मानव निर्णय
AI और नौकरियों पर चर्चा, (चंडीगढ़) । पंजाब यूनिवर्सिटी के यूनिवर्सिटी बिजनेस स्कूल (यूबीएस) में आयोजित वैरिटाज 2.0 के पैनल चर्चा में विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मानवों का विकल्प नहीं बन सकता। AI केवल सहायक के रूप में कार्य करता है, लेकिन अंतिम निर्णय हमेशा मानवों को ही लेना होगा। इस चर्चा का केंद्र नौकरियों, तकनीक और भविष्य के संबंधों पर था, जिसमें AI को मौजूदा नौकरियों के साथ कैसे जोड़ा जाए, इस पर गहराई से विचार किया गया।
AI का मानवों के स्थान पर आना संभव नहीं
पैनल चर्चा में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के एचआर मोहम्मद साकिब ने ‘क्या एचआर AI पर भरोसा करके अपनी आत्मा खो रहा है?’ विषय पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि AI का उपयोग सही तरीके से होना चाहिए, लेकिन कई बार इसके भरोसे छोड़े गए कार्यों के कारण गंभीर गलतियाँ हो जाती हैं। एचआर में सहानुभूति, नैतिक निर्णय और सांस्कृतिक अनुकूलता जैसी बातें केवल मानव ही समझ सकता है। साकिब ने बताया कि AI केवल कोडिंग और मशीन लर्निंग तक सीमित है। कई बार कंपनियों को AI की गलतियों के कारण अधिक खर्च उठाना पड़ा। उन्होंने जोर दिया कि विश्वास और मानव संबंध केवल मानव ही बना सकता है, AI नहीं।
AI का रोजगार पर प्रभाव
‘AI और प्रतिस्पर्धात्मक लाभ’ पर दूसरी चर्चा में ग्लोबल रिसर्च फर्म के निदेशक इशान पुंज और एक इंटीग्रेटेड रिफाइनरी में असिस्टेंट मैनेजर हिमांशु हांडा ने भाग लिया। दोनों ने स्पष्ट किया कि कुछ विशेष नौकरियों को छोड़कर AI से रोजगार को कोई खतरा नहीं है। मानवों की निर्णय लेने की क्षमता AI से कहीं अधिक है। मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में AI का सीधा उपयोग नहीं हो सकता, लेकिन लॉजिस्टिक्स, बैकएंड कार्य और रॉ मटेरियल की जांच में यह सहायक हो सकता है। ट्रेडिंग क्षेत्र में भी AI उपयोगी है, लेकिन मार्केटिंग जैसे क्षेत्रों में, जहां कई स्टेकहोल्डर्स होते हैं, मानव संबंध आवश्यक हैं। AI वहां केवल प्रेजेंटेशन तक सीमित रहता है।
सावधानी बरतना आवश्यक
पुंज और हांडा ने चेतावनी दी कि गोपनीय डेटा और वित्तीय जानकारी को AI के साथ साझा करने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि AI का उपयोग मौजूदा नौकरियों के साथ तालमेल बनाकर करना चाहिए। यदि इसका सही तरीके से उपयोग नहीं किया गया, तो नुकसान भी हो सकता है।
पांच दिन, दस विषय, साठ विशेषज्ञ
यह कार्यक्रम 13 सितंबर तक चलेगा, जिसमें प्रतिदिन दो सत्र होंगे। चेयरपर्सन प्रो. परमजीत कौर ने बताया कि इस दौरान 10 विभिन्न विषयों पर एलुमनाई और अन्य विशेषज्ञ चर्चा करेंगे। कुल मिलाकर लगभग 60 विशेषज्ञ इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। यह आयोजन युवाओं को भविष्य की तकनीक और नौकरियों के बारे में जागरूक करने के लिए विशेष रूप से आयोजित किया गया है।
AI के गलत उपयोग के उदाहरण
AI के गलत उपयोग के कुछ उदाहरण भी चर्चा में आए।
- एक प्रसिद्ध कंपनी ने हायरिंग में AI टूल का उपयोग किया, जिसने सभी महिलाओं के बायोडेटा को अस्वीकार कर दिया।
- माइक्रोसॉफ्ट का AI चैटबॉट Tay विवादों में घिर गया, क्योंकि उसने ट्विटर पर भड़काऊ और आपत्तिजनक ट्वीट किए।
- एक अमेरिकी इंश्योरेंस कंपनी के चैटबॉट ने कोडिंग की गड़बड़ी के कारण गाली सुनते ही कॉल डिस्कनेक्ट कर दी, जबकि ग्राहक को समझना आवश्यक था।
- विदेश में एक वकील ने AI से केस तैयार किया, लेकिन गलत धाराओं के कारण वह कोर्ट में सवालों के घेरे में आ गया।
इन उदाहरणों से स्पष्ट है कि AI का उपयोग सोच-समझकर करना होगा। यह मानवों का सहायक हो सकता है, लेकिन उनकी जगह नहीं ले सकता।