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CET 2025: पंचकूला पुलिस ने फर्जी वेबसाइट के जरिए ठगी करने वाले पांच आरोपियों को पकड़ा

हरियाणा में CET 2025 के लिए एक फर्जी वेबसाइट बनाने वाले पांच आरोपियों को पंचकूला पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों ने 77 छात्रों से 22,000 रुपये की ठगी की। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए फर्जी पोर्टल को बंद कर दिया और छात्रों को चेतावनी दी है कि वे केवल आधिकारिक वेबसाइट का उपयोग करें। इस मामले में जांच जारी है, और पुलिस ने अधिक जानकारी साझा करने से मना किया है।
 

CET 2025 में धोखाधड़ी का मामला

CET 2025: पंचकूला पुलिस ने फर्जी वेबसाइट के जरिए ठगी करने वाले पांच आरोपियों को पकड़ा, 77 छात्रों से 22,000 रुपये की ठगी की: हरियाणा में साइबर अपराधियों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की गई है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) की शिकायत पर, पंचकूला पुलिस ने CET 2025 के लिए एक नकली पोर्टल बनाने वाले पांच संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।


इन आरोपियों ने क्यूआर कोड का उपयोग करके छात्रों से धोखाधड़ी की और 77 छात्रों से 22,000 रुपये की फीस वसूल की। इस कार्रवाई ने न केवल फर्जी वेबसाइट को बंद किया, बल्कि साइबर ठगी के खिलाफ एक मजबूत संदेश भी दिया है। CET 2025


पुलिस और HSSC की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि यह नकली पोर्टल 29 मई को स्थापित किया गया था। ठगों ने छात्रों से पंजीकरण के लिए आवश्यक जानकारी मांगी और क्यूआर कोड के माध्यम से फीस जमा करवाई, जिसके बाद उन्होंने फर्जी पंजीकरण का प्रमाण प्रस्तुत किया। शिकायत मिलने के बाद, 4 जून को पंचकूला पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पोर्टल और संबंधित क्यूआर कोड को बंद कर दिया।


गिरफ्तार किए गए पांच आरोपियों में से तीन गोरखपुर, एक फतेहाबाद और एक कुरुक्षेत्र से हैं, जिनकी उम्र 25 से 40 वर्ष के बीच है। HSSC के सदस्य भूपेंद्र चौहान ने बताया कि आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लिया और साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने तीसरे दिन ही मामले का खुलासा कर दिया।


पुलिस की जांच में यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या ये आरोपी संगठित साइबर ठगी गिरोह का हिस्सा हैं या यह उनकी पहली ऐसी हरकत थी। जांच अभी जारी है, और पुलिस ने अधिक जानकारी साझा करने से मना किया है। यह घटना छात्रों के लिए एक चेतावनी है कि वे ऑनलाइन आवेदन करते समय केवल आधिकारिक वेबसाइट का उपयोग करें।


HSSC ने छात्रों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध लिंक या क्यूआर कोड के माध्यम से भुगतान करने से बचें और यदि कोई समस्या हो, तो तुरंत साइबर थाने से संपर्क करें। यह कार्रवाई न केवल साइबर अपराध को रोकने में मदद करेगी, बल्कि छात्रों का विश्वास भी बनाए रखेगी।