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GST दरों में कमी का प्रभाव: सरकार को राजस्व में भारी घाटा

भारत में GST दरों में कमी का प्रभाव सरकार के राजस्व पर नकारात्मक पड़ सकता है। SBI की रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2026 में केंद्र सरकार को 3700 करोड़ रुपये का घाटा हो सकता है। इस लेख में GST दरों में बदलाव और इसके संभावित प्रभावों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। जानें कि कैसे यह बदलाव मध्यम वर्ग के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है और सरकार को किस प्रकार के घाटे का सामना करना पड़ सकता है।
 

GST दरों में कमी का संभावित असर

GST दरों में कमी का प्रभाव: भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दरों में कमी से सरकार की राजस्व आय पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, GST दरों में कमी के कारण वित्तीय वर्ष 2026 में केंद्र सरकार को 3700 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा, 48000 करोड़ रुपये का सकल राजस्व घाटा और 25794 करोड़ रुपये का शुद्ध राजस्व घाटा हो सकता है। यह अनुमान स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) द्वारा प्रस्तुत किया गया है।


GST दरों में बदलाव

यह जानकारी दी गई है कि GST काउंसिल की 56वीं बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सहमति से GST की दरों में कमी का निर्णय लिया। पहले GST की चार दरें 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत थीं, लेकिन अब यह दरें केवल 5 और 18 प्रतिशत रह गई हैं। इसके अलावा, लग्जरी और सिन प्रोडक्ट्स पर 40 प्रतिशत GST लगाने का निर्णय लिया गया है। इस बदलाव को मध्यम वर्ग के लिए एक बड़ा लाभ माना जा रहा है, क्योंकि इससे कई वस्तुओं की कीमतों में कमी आएगी।


राजस्व घाटे का अनुमान

SBI की रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024 के आंकड़ों के अनुसार, राजस्व घाटा 6960 करोड़ रुपये रहने का अनुमान था, लेकिन उपभोग और विकास दर में वृद्धि के कारण वित्तीय वर्ष 2026 में यह घाटा 3740 करोड़ रुपये रहने की संभावना है। वित्तीय वर्ष 2024 के आंकड़ों के आधार पर, वित्तीय वर्ष 2026 में सकल राजस्व घाटा 93000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, लेकिन अतिरिक्त राजस्व के संग्रह के कारण यह घाटा 48000 करोड़ रुपये रह सकता है। वहीं, शुद्ध राजस्व घाटा 1.11 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो उच्च कर राजस्व और मजबूत उपभोग दर के कारण 25794 करोड़ रुपये रह सकता है।