H1-B वीजा धारकों के लिए अमेरिका में बढ़ता संकट
अमेरिका में H1-B वीजा धारकों की स्थिति
वॉशिंगटन: अमेरिका में H1-B वीजा धारक भारतीयों के लिए संकट के संकेत दिखाई देने लगे हैं। अमेरिकी इमिग्रेशन विभाग ने वर्क वीजा कार्यक्रमों की जांच को और सख्त कर दिया है, जिसमें H1-B वीजा विशेष रूप से शामिल है। इस वीजा पर बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक अमेरिका में निवास करते हैं। H-1B वीजा के लिए आवश्यक लागतों में से एक धोखाधड़ी-रोधी शुल्क है, जो 500 अमेरिकी डॉलर (लगभग 41,500 रुपये) है।
यदि आप पहली बार H-1B वीजा के लिए आवेदन कर रहे हैं या अपनी स्थिति में बदलाव के लिए आवेदन कर रहे हैं, तो आपको यह शुल्क देना अनिवार्य है। हालांकि, यदि आप H-1B एक्सटेंशन के लिए आवेदन कर रहे हैं, तो आपको यह शुल्क नहीं देना होगा। 2025 की शुरुआत तक, वैश्विक स्तर पर 50,000 से अधिक नौकरियां एआई द्वारा समाप्त की जा चुकी हैं। ट्रंप प्रशासन के आगमन के बाद, अमेरिकी कंपनियों ने विदेशी कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया को कड़ा कर दिया है।
माइक्रोसॉफ्ट, मेटा, क्राउडस्ट्राइख और ब्लॉक जैसी कंपनियां ऑटोमेशन, दक्षता और आर्थिक सावधानी का हवाला देते हुए नौकरियों में कटौती कर रही हैं। इस बीच, अमेरिकी इमिग्रेशन विभाग ने वर्क वीजा कार्यक्रमों की जांच को और सख्त कर दिया है, जिसमें H1-B वीजा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।