IndiGo की उड़ानों में भारी रुकावट: 1200 से अधिक उड़ानें रद्द, यात्रियों की बढ़ती परेशानी
IndiGo की क्रू कमी संकट का अपडेट
भारत के विमानन क्षेत्र में एक अभूतपूर्व संकट उत्पन्न हो गया है, जिसमें पिछले चार दिनों में IndiGo की 1,200 से अधिक उड़ानें रद्द हो गई हैं। इससे हजारों यात्री प्रभावित हुए हैं और उनकी नाराजगी बढ़ती जा रही है। इस स्थिति के बीच, केंद्र सरकार ने उड़ान ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) के तहत लागू किए गए नए वीकली रेस्ट नियम को वापस ले लिया है, जिससे IndiGo को तात्कालिक राहत मिली है।
सरकार ने वीकली रेस्ट नियम को वापस लिया
सिविल एविएशन मंत्रालय ने पायलटों और केबिन क्रू के लिए हर 7 दिन में 48 घंटे का लगातार वीकली रेस्ट अनिवार्य करने वाले अपने आदेश को वापस ले लिया है। अब क्रू सदस्यों को पहले के नियम के अनुसार 36 घंटे का रेस्ट मिलेगा, जो थकान को कम करने के लिए लागू किया गया था।
DGCA के अनुसार, पहले के नियमों में वीकली रेस्ट और वीकली ऑफ को अलग-अलग माना गया था, जिससे IndiGo में क्रू की कमी हो गई।
एयरपोर्ट पर उड़ानों में भारी रुकावट
FDTL से संबंधित स्टाफ संकट के कारण, IndiGo को लगातार चौथे दिन समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिससे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, पुणे, हैदराबाद, रायपुर और लखनऊ जैसे प्रमुख एयरपोर्ट पर एक ही दिन में 500 से अधिक उड़ानें रद्द हो गईं।
एयरपोर्ट की स्थिति बिगड़ गई: यात्रियों को बिना स्पष्ट जानकारी के 24 घंटे या उससे अधिक समय तक इंतजार करना पड़ा।
- उड़ान की स्थिति पर कोई सही अपडेट नहीं।
- खाने, पानी और आवास की कमी।
- गंभीर बहस और कुछ स्थानों पर लगभग मारपीट।
दिल्ली IGI एयरपोर्ट की स्थिति
- 225 उड़ानें रद्द।
- IndiGo की सभी घरेलू उड़ानें आधी रात तक रद्द।
- टर्मिनलों पर हजारों बैग जमा।
- यात्री घंटों तक फर्श और सीढ़ियों पर बैठे।
अन्य प्रमुख एयरपोर्ट की स्थिति
मुंबई:
कैंसिलेशन के बाद IndiGo काउंटर पर लंबी लाइनें लगीं।
पुणे:
- 32 उड़ानें रद्द।
- ट्रॉली में फंसा सामान, लंबा इंतजार।
हैदराबाद:
- 32 उड़ानें रद्द।
बेंगलुरु:
- 102 उड़ानें रद्द।
रायपुर:
- बुजुर्ग यात्री और बच्चे घंटों इंतजार करने को मजबूर।
सिविल एविएशन मंत्री की प्रतिक्रिया
सिविल एविएशन मंत्री राम मोहन नायडू ने स्थिति की समीक्षा के लिए मंत्रालय के कंट्रोल रूम में बैठक बुलाई। उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए सवाल किया कि FDTL लागू होने के बावजूद एयरलाइंस ने तैयारी क्यों नहीं की।
उन्होंने IndiGo को निर्देश दिए:
- जल्द से जल्द ऑपरेशन फिर से शुरू करें।
- हवाई किराए में किसी भी बढ़ोतरी से बचें।
- देरी या रद्दीकरण के दौरान यात्रियों को होटल, खाना और सहायता प्रदान करें।
DGCA की कार्रवाई
DGCA ने IndiGo से हर 15 दिन में प्रगति रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है, जिसमें निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दिया जाएगा:
- क्रू भर्ती।
- प्रशिक्षण योजना।
- रोस्टर पुनर्गठन।
- सुरक्षा और थकान प्रबंधन योजना।
IndiGo ने 10 फरवरी, 2026 तक FDTL नियमों से कुछ समय के लिए छूट मांगी है और रेगुलेटर्स को आश्वासन दिया है कि तीन महीने के भीतर ऑपरेशन सामान्य हो जाएंगे।
यात्रियों की समस्याएं
GoI एयरपोर्ट्स पर परेशान यात्रियों ने अपनी समस्याएं बताई:
- देरी के कारण कुछ यात्रियों की कनेक्टिंग उड़ान छूट गई।
- दूसरों को बिना किसी सहायता के रात भर रुकना पड़ा।
- कहा गया कि अन्य एयरलाइंस ने हालात का फायदा उठाते हुए किराया दोगुना कर दिया।
IndiGo को नुकसान का कारण
IndiGo प्रतिदिन लगभग 2,300 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित करती है, जो एयर इंडिया से लगभग दोगुनी है। 10-20% रुकावट भी सैकड़ों उड़ानों को प्रभावित करती है और हजारों यात्रियों को परेशानी में डालती है।
DGCA डेटा दर्शाता है:
- नवंबर में अकेले 1,232 उड़ानें रद्द हुईं।
- 755 रद्दीकरण सीधे FDTL नियमों से जुड़े हैं।
- एक ही दिन में 1,400 से अधिक उड़ानों में देरी हुई।
वर्तमान स्थिति
IndiGo प्रतिदिन 170-200 उड़ानें रद्द कर रही है। हालांकि एयरलाइन ने माफी मांगी है और यात्रियों को ऑपरेशन सामान्य करने का आश्वासन दिया है, लेकिन यह संकट मानव संसाधन योजना और नियामक तैयारी में बड़ी कमियों को उजागर करता है।
यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे उड़ान की स्थिति बार-बार चेक करें, टाइट कनेक्शन से बचें, और अंतिम समय में बदलाव के लिए तैयार रहें, क्योंकि भारत की सबसे व्यस्त एयरलाइन हाल के वर्षों में अपने सबसे बड़े ऑपरेशनल झटके से उबरने की कोशिश कर रही है।