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MH17 विमान हादसा: यूरोपीय अदालत ने रूस को ठहराया दोषी

17 जुलाई 2014 को मलेशिया एयरलाइंस की फ्लाइट MH17 के साथ हुई दुर्घटना ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया। हाल ही में, यूरोप की अदालत ने रूस को इस हादसे का दोषी ठहराया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में हलचल मच गई है। इस निर्णय ने पीड़ितों के परिवारों को न्याय की उम्मीद दी है, लेकिन कई लोग अब भी पूर्ण जवाबदेही की मांग कर रहे हैं। जानें इस ऐतिहासिक फैसले के पीछे की कहानी और इसके प्रभावों के बारे में।
 

MH17 विमान दुर्घटना का ऐतिहासिक फैसला

MH17 विमान हादसा: 17 जुलाई 2014 को मलेशिया एयरलाइंस की फ्लाइट MH17 के साथ हुई त्रासदी ने वैश्विक स्तर पर हलचल मचा दी थी। इस दुर्घटना में विमान में सवार सभी 283 यात्री और 15 क्रू सदस्य अपनी जान गंवा बैठे थे। हाल ही में, यूरोप की अदालत ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में रूस को इस विमान को गिराने का दोषी ठहराया है, जिसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में एक नई बहस को जन्म दिया है। यह निर्णय उस विस्तृत जांच का परिणाम है, जो इस घटना के कारणों और जिम्मेदारियों को स्पष्ट करने के लिए की गई थी। यह विमान पूर्वी यूक्रेन के ऊपर उड़ान भर रहा था और इसे एक मिसाइल द्वारा नष्ट किया गया था, जिससे रूस की संलिप्तता स्पष्ट हो गई है। 


MH17 हादसे का विवरण

मलेशिया एयरलाइंस की फ्लाइट MH17, जो एम्स्टर्डम से कुआलालंपुर की ओर जा रही थी, 17 जुलाई 2014 को पूर्वी यूक्रेन के ऊपर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में 283 यात्री और 15 क्रू सदस्य मारे गए, और कोई भी जीवित नहीं बचा। जांच में यह सामने आया कि विमान को एक बूक मिसाइल द्वारा निशाना बनाया गया था, जो रूस समर्थित अलगाववादियों के नियंत्रण वाले क्षेत्र से चलाई गई थी.


यूरोप की अदालत का निर्णय

यूरोप की अदालत ने हाल ही में अपने निर्णय में रूस को इस घटना का जिम्मेदार ठहराया है। अदालत ने कहा, "रूस ने इस हमले में अपनी प्रत्यक्ष भूमिका निभाई और मिसाइल प्रणाली उपलब्ध कराई, जिसके परिणामस्वरूप यह घटना हुई।" स्ट्रासबर्ग में यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय के कोर्टरूम में निर्णय सुनाते हुए, कोर्ट के अध्यक्ष, मटियास गुयोमर ने कहा कि "सबूत दर्शाते हैं कि जानबूझकर फ्लाइट MH17 पर मिसाइल चलाई गई थी।" इस निर्णय ने रूस के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दबाव को और बढ़ा दिया है.


मुआवजे की मांग और जिम्मेदारी

इस निर्णय के बाद, पीड़ितों के परिवारों और प्रभावित देशों ने रूस से मुआवजे और जवाबदेही की मांग की है। नीदरलैंड्स में पीड़ितों के परिजनों ने कहा, "हमें न्याय मिला है, लेकिन हमारा दुख कभी कम नहीं होगा।" यह निर्णय पीड़ितों के लिए कुछ राहत लेकर आया है, लेकिन कई लोग अब भी पूर्ण जवाबदेही की उम्मीद कर रहे हैं। साथ ही, MH17 की त्रासदी ने यह स्पष्ट किया है कि सशस्त्र संघर्षों के दौरान नागरिक उड्डयन को कितने गंभीर जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय अब इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए और सख्त नियमों की मांग कर रहा है.