Payal Gaming का वायरल वीडियो: साइबर पुलिस की कार्रवाई और सच्चाई का खुलासा
Payal Gaming का विवादास्पद वीडियो
पॉपुलर यूट्यूबर और गेमिंग इन्फ्लुएंसर पायल धारे, जिन्हें पायल गेमिंग के नाम से जाना जाता है, एक विवादास्पद वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई हैं। इस वीडियो में उन्हें आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया है।
कुछ ही घंटों में, उनके नाम से जुड़े कई हैशटैग जैसे payal viral video, payal gaming viral video, payal gaming news ट्रेंड करने लगे।
फैंस का समर्थन
वीडियो के वायरल होते ही, पायल के प्रशंसक उनके समर्थन में खड़े हो गए। कई यूजर्स ने यह दावा किया कि यह क्लिप फर्जी है और इन्फ्लुएंसर की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए बनाई गई है।
कानूनी चेतावनी
साइबर विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि मानहानिकारक या आपत्तिजनक सामग्री साझा करने पर IT एक्ट और अन्य साइबर अपराध कानूनों के तहत गंभीर कानूनी परिणाम हो सकते हैं। ऐसे कंटेंट को साझा करने वाले व्यक्तियों को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
साइबर पुलिस की कार्रवाई
विवाद के तुरंत बाद, महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने कार्रवाई की। विभाग ने पुष्टि की कि वायरल क्लिप असली नहीं है, बल्कि AI तकनीक से बनाया गया एक डीपफेक वीडियो है। पुलिस ने वीडियो बनाने और फैलाने वाले लोगों की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पायल गेमिंग का निशाना बनना
पायल की बढ़ती लोकप्रियता उनके लिए एक चुनौती बन गई है। वह पहली इन्फ्लुएंसर नहीं हैं जो डीपफेक का शिकार बनी हैं, लेकिन उनका मामला साइबर जागरूकता और डिजिटल जिम्मेदारी की आवश्यकता को उजागर करता है।
FIR दर्ज
महाराष्ट्र साइबर ने IT एक्ट 2000 और महिलाओं का अश्लील प्रतिनिधित्व अधिनियम 1986 के तहत FIR दर्ज की है। FIR नंबर 52/2025 है और मामले की विस्तृत जांच चल रही है।
वीडियो निर्माण की प्रक्रिया
अधिकारियों ने पुष्टि की है कि वायरल क्लिप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की डीपफेक तकनीक का उपयोग करके बनाई गई थी, जिसे जानबूझकर दर्शकों को गुमराह करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। तकनीकी टीमें फोरेंसिक विवरणों का विश्लेषण कर रही हैं और इसके स्रोत का पता लगाने का प्रयास कर रही हैं।