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PM मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर इंदिरा गांधी का रिकॉर्ड तोड़ा, 12वीं बार दिया भाषण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लगातार 12वीं बार भाषण देकर इंदिरा गांधी का रिकॉर्ड तोड़ दिया। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ, मोदी अब केवल पंडित नेहरू से पीछे हैं, जिन्होंने 17 बार राष्ट्र को संबोधित किया। उनके भाषण में समान नागरिक संहिता और एक साथ चुनाव कराने के विचारों पर जोर दिया गया। जानें इस भाषण की अन्य महत्वपूर्ण बातें और मोदी के भाषण देने के रिकॉर्ड के बारे में।
 

PM मोदी का ऐतिहासिक भाषण

PM मोदी का भाषण: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। लाल किले की प्राचीर से उन्होंने लगातार 12वीं बार स्वतंत्रता दिवस पर भाषण दिया, जिससे उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का रिकॉर्ड तोड़ दिया। अब वह केवल पंडित जवाहरलाल नेहरू से पीछे हैं, जिन्होंने 17 बार राष्ट्र को संबोधित किया था।


इंदिरा गांधी का रिकॉर्ड तोड़ने की उपलब्धि

पिछले साल, मोदी ने अपने पूर्ववर्ती डॉ. मनमोहन सिंह का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 11 बार लाल किले पर तिरंगा फहराने का गौरव प्राप्त किया था। इस बार उन्होंने न केवल इस परंपरा को जारी रखा, बल्कि अपने नाम को इतिहास में और मजबूती से दर्ज किया।


नेहरू का रिकॉर्ड सबसे ऊँचा

नेहरू का नाम सबसे ऊपर: पंडित जवाहरलाल नेहरू, जो 1947 से 1963 तक प्रधानमंत्री रहे, ने लगातार 17 बार स्वतंत्रता दिवस पर भाषण दिया। यह एक ऐसा रिकॉर्ड है जिसे तोड़ना किसी भी प्रधानमंत्री के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।


अन्य प्रधानमंत्रियों के रिकॉर्ड

  • लाल बहादुर शास्त्री: 2 बार (1964, 1965)

  • मोरारजी देसाई: 2 बार

  • चौधरी चरण सिंह: 1 बार (1979)

  • राजीव गांधी: 5 बार

  • वीपी सिंह: 1 बार (1990)

  • पीवी नरसिम्हा राव: 4 बार (1991–1995)

  • एचडी देवेगौड़ा: 1 बार (1996)

  • आईके गुजराल: 1 बार (1997)

  • अटल बिहारी वाजपेयी: 6 बार (1998–2003)

  • डॉ मनमोहन सिंह: 10 बार (2004–2014)


सबसे लंबे भाषण का रिकॉर्ड

सबसे लंबा भाषण: पिछले वर्ष, पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर 98 मिनट का भाषण दिया, जो अब तक का सबसे लंबा भाषण माना जाता है। इस भाषण में उन्होंने देश की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की।


2024 के भाषण की मुख्य बातें

मुख्य बातें: 15 अगस्त 2024 को दिए गए भाषण में, पीएम मोदी ने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) को लागू करने का समर्थन किया और मौजूदा ढांचे को सांप्रदायिक और भेदभावपूर्ण बताया। इसके साथ ही, उन्होंने एक साथ चुनाव कराने के विचार को भी जोरदार तरीके से प्रस्तुत किया।