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RBI के नए KYC नियम: अपडेट न होने पर हो सकती है परेशानी

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने KYC नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जो 1 जनवरी 2026 से लागू होंगे। नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, बैंकों को ग्राहकों को KYC अपडेट करने के लिए तीन बार रिमाइंडर भेजना होगा। यदि ग्राहक समय पर अपडेट नहीं करते हैं, तो उनके खाते फ्रीज हो सकते हैं। जानें इन नए नियमों का क्या प्रभाव पड़ेगा और ग्राहकों को क्या करना होगा।
 

KYC नियमों में बदलाव


KYC नियमों में बदलाव: बैंकों में KYC अपडेट करना अब अत्यंत आवश्यक हो गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस संबंध में नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनका पालन सख्ती से किया जाएगा। अब बैंकों को ग्राहकों को उनके खाते फ्रीज करने से पहले तीन बार रिमाइंडर भेजना अनिवार्य होगा। नए नियमों के अनुसार, सभी बैंकों और विनियमित संस्थानों को समय पर KYC (अपने ग्राहक को जानें) अपडेट करने के लिए ग्राहकों को कई बार सूचित करना होगा।


नए नियमों का प्रभाव

ये निर्देश RBI KYC (संशोधन) निर्देश 2025 के तहत जारी किए गए हैं और 1 जनवरी 2026 से लागू होंगे। ये सभी ग्राहकों पर लागू होंगे, जिसमें जन धन योजना, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) और इलेक्ट्रॉनिक बेनिफिट ट्रांसफर (EBT) से जुड़े खाते शामिल हैं।


क्या बदलाव होंगे?


RBI ने देखा कि KYC अपडेट में काफी देरी हो रही है, विशेषकर सरकारी योजनाओं में। इसलिए, बैंकों को अब अधिक सक्रियता से काम करना होगा।


बैंक को नोटिफिकेशन भेजने की प्रक्रिया

नोटिफिकेशन भेजने की प्रक्रिया


KYC की अंतिम तिथि से पहले, बैंक को कम से कम तीन बार नोटिफिकेशन भेजना होगा, जिसमें से एक नोटिफिकेशन फिजिकल लेटर के माध्यम से भेजा जाएगा। अन्य नोटिफिकेशन SMS, ईमेल या मोबाइल ऐप के जरिए भेजे जा सकेंगे। यदि KYC की अंतिम तिथि के बाद भी अपडेट नहीं होता है, तो बैंक को तीन और रिमाइंडर भेजने होंगे, जिनमें से एक और फिजिकल लेटर की आवश्यकता होगी। हर नोटिफिकेशन में स्पष्ट निर्देश, सहायता के तरीके और KYC न करवाने के दुष्परिणामों की जानकारी होनी चाहिए।


बैंक को हर नोटिफिकेशन का रिकॉर्ड रखना होगा ताकि बाद में उसका ऑडिट किया जा सके। ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों के लोगों को ध्यान में रखते हुए, बैंक के बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट (BC) भी KYC अपडेट में सहायता कर सकेंगे। यदि ग्राहक की जानकारी पहले जैसी है या केवल पता बदला है, तो वह खुद ही घोषणापत्र देकर अपना KYC अपडेट करवा सकता है। BC इसे बैंक सिस्टम में डिजिटल तरीके से दर्ज करेगा.


KYC अपडेट न होने पर ट्रांजेक्शन पर प्रभाव

यदि उनका KYC पेंडिंग है, तो भी बैंक ट्रांजेक्शन की सुविधा बंद नहीं करेंगे, बशर्ते KYC 30 जून 2026 तक या KYC की अंतिम तिथि से एक साल के भीतर अपडेट हो जाए।