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RSS के 100 साल: मोहन भागवत ने आर्थिक असमानता पर जताई चिंता

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने विजयदशमी के अवसर पर अपने 100 साल पूरे किए। इस मौके पर मोहन भागवत ने देश की आर्थिक व्यवस्था पर चिंता जताई, जिसमें अमीरी और गरीबी के बीच बढ़ती खाई का जिक्र किया। उन्होंने पहलगाम हमले और सुरक्षा मुद्दों पर भी अपने विचार साझा किए। इस कार्यक्रम में कई प्रमुख नेता शामिल हुए और देशभर में विशेष आयोजन किए गए। जानें इस महत्वपूर्ण समारोह की सभी मुख्य बातें।
 

RSS का शताब्दी समारोह और आर्थिक चिंताएं

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने विजयदशमी के अवसर पर अपने 100 वर्ष पूरे कर लिए हैं। इस खास मौके पर नागपुर में आयोजित समारोह में मोहन भागवत ने देश की आर्थिक व्यवस्था पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वर्तमान आर्थिक प्रणाली में कुछ खामियों के कारण अमीरी और गरीबी के बीच की खाई लगातार बढ़ रही है।

भागवत ने अपने भाषण में बताया कि इस आर्थिक प्रणाली पर कुछ विशेष लोगों का नियंत्रण है, जिससे गरीबों की स्थिति और भी खराब हो रही है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति देश में शोषण का एक नया तंत्र विकसित कर रही है।

RSS प्रमुख ने कार्यक्रम में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की, जिसमें पहलगाम हमला, राजनीतिक व्यवस्था और वैश्विक परिदृश्य शामिल थे। इस अवसर पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जैसे कई प्रमुख नेता भी उपस्थित थे।

मोहन भागवत ने पहलगाम हमले का उल्लेख करते हुए कहा कि आतंकवादियों ने धर्म पूछकर 26 लोगों की हत्या की थी, लेकिन हमारी सेना और सरकार ने इस हमले का प्रभावी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि इस घटना ने हमें यह समझने में मदद की कि हमारे सच्चे मित्र कौन हैं और वे हमें कितना समर्थन देते हैं। भागवत ने सुरक्षा के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

RSS ने नागपुर के रेशमबाग मैदान में इस विशेष अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें 20,000 से अधिक स्वयंसेवकों ने भाग लिया। संघ की स्थापना 1925 में विजयदशमी के दिन डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा की गई थी। देशभर में 83,000 से अधिक शाखाओं में इस अवसर पर विशेष आयोजन किए जा रहे हैं।