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Shashi Tharoor के बेटे ने पूछा सवाल, अमेरिका में छाया भारत-पाकिस्तान का मुद्दा

अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में एक कार्यक्रम के दौरान, ईशान थरूर ने अपने पिता शशि थरूर से आतंकवाद से जुड़े एक महत्वपूर्ण सवाल पूछा। इस सवाल ने न केवल हंसी का माहौल बनाया, बल्कि भारत और पाकिस्तान के बीच के तनाव को भी उजागर किया। शशि थरूर ने स्पष्ट किया कि भारत ने जो कदम उठाए हैं, वे पुख्ता प्रमाणों पर आधारित हैं। इस संवाद ने भारत की कूटनीतिक स्थिति को और मजबूत किया है। जानें इस दिलचस्प घटना के बारे में और शशि थरूर के विचारों को।
 

दिलचस्प सवाल का सामना करते शशि थरूर

भारत के अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक प्रयासों के बीच, अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में एक दिलचस्प घटना घटी। यहां एक कार्यक्रम में कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ राजनयिक डॉ. शशि थरूर के बेटे, ईशान थरूर ने अपने पिता से सवाल किया।


ईशान का सवाल और शशि का जवाब

बेटे ने पिता से पूछा सवाल


ईशान थरूर, जो एक प्रमुख पत्रकार हैं, ने हल्के-फुल्के अंदाज में अपने पिता से सवाल पूछने की अनुमति मांगी। उन्होंने कहा, "मैं व्यक्तिगत रूप से आपसे मिलने आया हूं और इस बहाने एक सवाल पूछना चाहता हूं।" इस पर शशि थरूर मुस्कुराए और ईशान को माइक ठीक से पकड़ने का इशारा किया।




ईशान ने आतंकवाद से संबंधित एक महत्वपूर्ण सवाल पूछा: "क्या किसी देश ने भारत से इस बात का सबूत मांगा है कि हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान शामिल था? क्योंकि पाकिस्तान तो लगातार इससे इनकार करता आया है।"


शशि थरूर का स्पष्ट उत्तर

शशि थरूर ने दिया सधा हुआ जवाब


इस सवाल का जवाब देते हुए शशि थरूर ने कहा, "मुझे खुशी है कि आपने यह सवाल उठाया। मैं वादा करता हूं कि यह लड़का घर पर भी मुझसे ऐसे ही सवाल करता है।" उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी देश ने भारत से पाकिस्तान के खिलाफ सबूत नहीं मांगे हैं। भारत ने जो भी कदम उठाए, वे पूरी जानकारी और पुख्ता प्रमाण के आधार पर लिए गए हैं।


पाकिस्तान की भूमिका पर प्रकाश

पाकिस्तान पर लगाई सीधी उंगली


थरूर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह अच्छी तरह से ज्ञात है कि पाकिस्तान वर्षों से आतंकवाद को बढ़ावा देता रहा है। उन्होंने ओसामा बिन लादेन और मुंबई 26/11 हमलों का उदाहरण देते हुए कहा कि पाकिस्तान की नीति आतंकियों को भेजने और फिर जिम्मेदारी से हाथ झाड़ने की रही है।


मध्यस्थता का खंडन

भारत-पाक संबंधों में 'मध्यस्थता' को किया खारिज


अमेरिका में कुछ वर्गों द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की बात उठाई गई थी, जिसे शशि थरूर ने सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, "हम 'मध्यस्थता' शब्द को ही स्वीकार नहीं करते। यह मानने का प्रयास है कि भारत और पाकिस्तान समान हैं, जबकि ऐसा नहीं है। एक तरफ पाकिस्तान है जो आतंकवाद को पनाह देता है और दूसरी ओर भारत है – एक लोकतांत्रिक और शांति प्रिय राष्ट्र।"


भारत का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत पक्ष

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का पक्ष मज़बूत


इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट हुआ कि भारत न केवल आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठा रहा है, बल्कि वह वैश्विक मंचों पर भी मजबूती से अपनी बात रख रहा है। शशि थरूर जैसे अनुभवी नेताओं की सक्रिय भूमिका भारत की कूटनीतिक रणनीति को और अधिक सशक्त बनाती है।