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TMC विधायक जीवन कृष्ण साहा की गिरफ्तारी: ED की छापेमारी में भागने की कोशिश

प्रवर्तन निदेशालय ने पश्चिम बंगाल में शिक्षकों की भर्ती में अनियमितताओं की जांच के तहत TMC विधायक जीवन कृष्ण साहा को गिरफ्तार किया। छापेमारी के दौरान विधायक ने भागने की कोशिश की और अपने फोन को नाले में फेंक दिया। इस मामले में पहले भी कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जिसमें पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी भी शामिल हैं। जानें पूरी कहानी और इस घोटाले के पीछे की सच्चाई।
 

प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पश्चिम बंगाल में शिक्षकों और कर्मचारियों की भर्ती में अनियमितताओं की जांच के तहत सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के विधायक जीवन कृष्ण साहा को गिरफ्तार किया। सूत्रों के अनुसार, मुर्शिदाबाद जिले में विधायक के घर पर छापेमारी के दौरान उन्हें हिरासत में लिया गया।

विधायक ने छापेमारी के दौरान एक दीवार फांदकर भागने की कोशिश की और अपने फोन को नाले में फेंक दिया। हालांकि, अधिकारियों ने बाद में उस फोन को बरामद कर लिया। छापेमारी के दौरान विधायक को भीगते हुए देखा गया, जब उन्हें ईडी और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के अधिकारियों द्वारा ले जाया जा रहा था। उन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत सहयोग न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।



विधायक के रिश्तेदारों और सहयोगियों के ठिकानों पर भी छापे मारे गए हैं। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने इस घोटाले में साहा को 2023 में गिरफ्तार किया था, लेकिन बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। ईडी का मामला CBI द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी से उत्पन्न हुआ है, जिसमें कलकत्ता उच्च न्यायालय ने समूह ‘सी’ और ‘डी’ कर्मचारियों, कक्षा 9 से 12 तक के सहायक शिक्षकों और प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में अनियमितताओं की जांच का निर्देश दिया था।


अब तक इस मामले में कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। ईडी ने पहले पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी, और तृणमूल विधायक माणिक भट्टाचार्य को भी गिरफ्तार किया था। तृणमूल ने चटर्जी को गिरफ्तार करने के बाद निलंबित कर दिया था। जांच एजेंसी ने इस मामले में चार आरोपपत्र भी दाखिल किए हैं।