World Drug Day 2025: ड्रग्स का स्वास्थ्य पर प्रभाव और उपचार के उपाय
World Drug Day 2025: ड्रग्स का परिचय
World Drug Day 2025: ड्रग्स, एक ऐसा शब्द जिसे आपने अवश्य सुना होगा। संभवतः आप में से कई लोग इसका सेवन भी करते होंगे। ड्रग्स की कई श्रेणियाँ होती हैं। हालांकि, ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं, लेकिन क्या इसे केवल एक अपराध मानना उचित है? आज वर्ल्ड ड्रग डे 2025 के अवसर पर हमें यह समझना चाहिए कि क्यों लोगों में ड्रग्स को लेकर यह धारणा बनी हुई है कि यह एक गैर-कानूनी पदार्थ है, जबकि इससे भी अधिक गंभीर यह है कि इसका सेवन करने वाले अपनी सेहत को किस प्रकार प्रभावित कर रहे हैं। WHO की हालिया रिपोर्ट में नशीली दवाओं से होने वाली मानसिक बीमारियों और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जानकारी दी गई है। आइए, इस पर विस्तार से चर्चा करें।
WHO की रिपोर्ट का सारांश
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल लगभग 64 मिलियन लोग ड्रग्स से संबंधित बीमारियों का सामना करते हैं, जिनमें से 90% लोग उचित उपचार नहीं प्राप्त कर पाते हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि लोगों ने ड्रग्स के नशे को नशे की बीमारी से अधिक अवैध और गैरकानूनी समझ लिया है। WHO का कहना है कि ड्रग्स एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट है, जिसके बारे में चर्चा नहीं की जा रही है।
युवाओं और ड्रग्स का संबंध
रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में वैश्विक स्तर पर 292 मिलियन लोग, जिनमें 15 से 64 वर्ष की आयु के 5.6% लोग शामिल हैं, ड्रग्स का सेवन करते हैं। इनमें स्कूल जाने वाले युवा भी शामिल हैं। पूर्वी मेडिटेरेनियन क्षेत्र में, 15 से 64 वर्ष की आयु के लगभग 6.7% लोगों ने ड्रग्स का उपयोग किया।
ड्रग्स से होने वाली स्वास्थ्य समस्याएँ
स्वास्थ्य रिपोर्ट में बताया गया है कि नशीली दवाओं का सेवन न केवल आर्थिक बोझ बढ़ाता है, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव डालता है। ड्रग्स से संबंधित मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं में डिप्रेशन, एंग्जाइटी, सिजोफ्रेनिया, पैरानोइया, नींद की समस्याएँ और संज्ञानात्मक विकार शामिल हैं। इसके अलावा, शारीरिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जैसे दिल की बीमारियाँ, उच्च रक्तचाप, लिवर रोग, और किडनी फेलियर।
HIV का जोखिम
यदि ड्रग्स को इंजेक्शन के माध्यम से लिया जाए, तो संक्रमित व्यक्ति की सुई से संपर्क होने पर HIV जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
भारत में ड्रग्स का प्रभाव
2019 में हुए एक राष्ट्रीय सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में लगभग 3.1 करोड़ लोग कैनाबिस के आदी हैं, जिनमें 10 से 75 वर्ष की आयु के लोग शामिल हैं। ओपिओइड्स से प्रभावित लोगों की संख्या लगभग 2.26 करोड़ है, जबकि सिडेटिव्स से प्रभावित 1.18 करोड़ लोग हैं। UNODC की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में भारत में लगभग 1 करोड़ लोग ड्रग एडिक्शन से प्रभावित हैं।
ड्रग्स की लत से छुटकारा कैसे पाएं?
ड्रग्स की लत को छुड़वाने के लिए सबसे पहले यह जानना आवश्यक है कि व्यक्ति किस प्रकार का ड्रग ले रहा है। इसके बाद काउंसलिंग कराना जरूरी है। रीहैब सेंटर्स की मदद लेना भी फायदेमंद हो सकता है। विशेषज्ञों की निगरानी में उपचार और परिवार का समर्थन भी महत्वपूर्ण है। रोगियों को अकेला न छोड़ें और उन्हें ड्रग्स से दूर रखने के लिए विभिन्न उपाय बताएं।