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अंबाला में कुत्तों की नसबंदी का कार्य जल्द शुरू होगा

अंबाला में कुत्तों की नसबंदी का कार्य जल्द शुरू होने की संभावना है, जिससे शहर में लावारिस कुत्तों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित किया जा सकेगा। नगर निगम ने हाल ही में इस कार्य के लिए टेंडर जारी किया है, और स्थानीय निवासियों को राहत देने के लिए प्रक्रिया तेज की जा रही है। पिछले एक वर्ष से यह कार्य रुका हुआ था, जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। हाईकोर्ट ने भी इस मामले में निर्देश दिए थे।
 

कुत्तों की आबादी नियंत्रण के लिए नगर निगम की पहल

अंबाला (Ambala Stray Dog Sterilization): शहर में कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए नगर निगम ने एक बार फिर से सक्रियता दिखाई है। हाल ही में कुत्तों की नसबंदी के लिए टेंडर जारी किया गया था, और अब कुछ दिन पहले एक एजेंसी ने इस कार्य के लिए आवेदन किया है।


एक ही एजेंसी के आवेदन से नगर निगम के अधिकारियों में कुछ असमंजस उत्पन्न हुआ था, जिसके चलते उन्होंने दोबारा टेंडर जारी करने पर विचार किया। लेकिन अब उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही नसबंदी का कार्य प्रारंभ हो जाएगा।


लगभग एक वर्ष से कुत्तों की नसबंदी का कार्य रुका हुआ था, जिससे स्थानीय निवासियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। लोग बार-बार नगर निगम से लावारिस कुत्तों को पकड़ने की मांग कर रहे थे।


अब टेंडर प्रक्रिया आगे बढ़ रही है, और उम्मीद है कि कुछ ही दिनों में इस कार्य की शुरुआत हो जाएगी। इस मुद्दे पर अमर उजाला ने भी ध्यान आकर्षित किया था, जिसमें समस्या की गंभीरता को उजागर किया गया था।


हाईकोर्ट के निर्देश

हाईकोर्ट भी दे चुका है डीसी को निर्देश


अंबाला में कुत्तों के बढ़ते आतंक को लेकर दो साल पहले मामला हाईकोर्ट में पहुंचा था। इसके बाद, हाईकोर्ट ने उपायुक्त को निर्देश दिए थे कि न्यायाधीशों और न्यायालय परिसर के आसपास से कुत्तों को हटाया जाए। इन कुत्तों के कारण न्यायाधीशों को टहलने में भी कठिनाई हो रही थी।


भाजपा पार्षद और मेयर प्रतिनिधि संदीप सचदेवा ने बताया कि नगर निगम ने कुत्तों की नसबंदी के लिए टेंडर जारी किया था, जो अब खुल चुका है। इसकी आगे की प्रक्रिया चल रही है, और लोगों को जल्द ही इस समस्या का समाधान मिलने की उम्मीद है।


कुत्तों के काटने के मामले बढ़ रहे हैं

रोजाना 8 से 9 केस कुत्ता काटने के आ रहे


अंबाला सिटी और कैंट दोनों ही क्षेत्रों में लोगों की संख्या अधिक है, और यहां गलियों में लावारिस कुत्तों की भरपूर मौजूदगी है। हर दिन कुत्तों के काटने के मामले सिविल अस्पताल में आ रहे हैं, जबकि प्राइवेट अस्पतालों में कितने लोग इलाज के लिए पहुंच रहे हैं, इसका कोई आंकड़ा नहीं है।


सिटी में रोजाना 8 से 9 कुत्तों के काटने के मामले सामने आ रहे हैं। इसके अलावा, रेबीज से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या 1200 से अधिक है। अब जब नगर निगम एक बार फिर से कुत्तों की नसबंदी का कार्य शुरू करेगा, तो लोगों को कुछ राहत मिलने की संभावना है।