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अंबाला में बिजली सुविधाओं में सुधार के लिए 130 करोड़ का प्रोजेक्ट

अंबाला में बिजली निगम ने उपभोक्ताओं के लिए नई सुविधाओं की घोषणा की है, जिसमें 130 करोड़ रुपये के बजट से जर्जर तारों का प्रतिस्थापन और ओवरलोड ट्रांसफार्मरों की क्षमता में वृद्धि शामिल है। यह प्रोजेक्ट एक वर्ष में पूरा होगा और अंबाला शहर, छावनी और नारायणगढ़ डिवीजन में लागू किया जाएगा। जानें इस प्रोजेक्ट के बारे में और क्या-क्या बदलाव होंगे।
 

बिजली निगम का नया प्रोजेक्ट

अंबाला (Ambala News)। बिजली निगम ने जिले के उपभोक्ताओं के लिए नई सुविधाओं की घोषणा की है। इसमें पुरानी जर्जर तारों का प्रतिस्थापन और ओवरलोड ट्रांसफार्मरों की क्षमता में वृद्धि शामिल है। इसके साथ ही, ओवरलोड फीडरों को अलग करके राहत प्रदान की जाएगी। एजेंसी नई केबल डालने के साथ-साथ पुरानी तारों को भी हटाएगी।


प्रोजेक्ट का बजट और समयसीमा

इस परियोजना के लिए बिजली निगम ने 130 करोड़ रुपये का वर्क ऑर्डर जारी किया है। यह कार्य एक वर्ष के भीतर पूरा किया जाएगा। अंबाला शहर, अंबाला छावनी और नारायणगढ़ डिवीजन में ये विकास कार्य किए जाएंगे, जिनके लिए 35 से 40 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।


ओवरलोड फीडरों का अलगाव

Ambala News: ओवरलोड फीडरों को अलग किया जाएगा


जिले में कई ऐसे फीडर हैं जिन पर बिजली का लोड अधिक है। बिजली निगम इन ओवरलोड फीडरों को अलग करेगा। इन फीडरों का आधा लोड नए फीडर पर स्थानांतरित किया जाएगा। निगम और कार्य करने वाली एजेंसी ने फील्ड में संयुक्त सर्वेक्षण भी किया है।


जर्जर तारों का प्रतिस्थापन

कई स्थानों पर पुरानी जर्जर तारें लटकती हुई दिखाई देती हैं, जिससे हादसों का खतरा बना रहता है। ऐसे स्थानों पर तारों को बदलने का कार्य किया जाएगा।


ट्रांसफार्मरों की क्षमता में वृद्धि

ट्रांसफार्मरों की क्षमता भी बढ़ाई जाएगी


कई स्थानों पर एचटी और एलटी पुरानी तारों के कारण बिजली की आपूर्ति प्रभावित होती है। इन तारों को बदलने के साथ-साथ ओवरलोड ट्रांसफार्मरों की क्षमता भी बढ़ाई जाएगी।


बिजली निगम के अधीक्षक अभियंता वीके गोयल ने बताया कि अंबाला सर्कल में शहर, छावनी और नारायणगढ़ डिवीजन में लगभग 130 करोड़ रुपये की लागत से बिजली सुविधाओं को दुरुस्त किया जाएगा। एजेंसी को वर्क ऑर्डर जारी कर दिया गया है और यह कार्य एक वर्ष में पूरा होगा।


जिन फीडरों और ट्रांसफार्मरों की क्षमता कम है, उन्हें बढ़ाया जाएगा। उदाहरण के लिए, यदि कोई ट्रांसफार्मर 100 केवीए का है, तो उसकी क्षमता 200 केवीए कर दी जाएगी। छोटी लाइनों को भी बड़ा किया जाएगा और खराब तारों को बदला जाएगा।