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अंबाला में विवाहेतर संबंधों के मामले बढ़ रहे हैं, वन स्टॉप सेंटर पर महिलाओं की संख्या में इजाफा

अंबाला में विवाह के बाद बाहरी संबंधों के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिसके चलते महिलाएं वन स्टॉप सेंटर का सहारा ले रही हैं। हाल की रिपोर्टों के अनुसार, घरेलू हिंसा के मामले भी बढ़ रहे हैं, जिसमें पिछले छह वर्षों में 373 महिलाओं ने शरण ली है। इस वर्ष 22 महिलाएं गुम हुई हैं या उनका अपहरण हुआ है। जानें इस स्थिति के पीछे के कारण और सरकार की योजनाएं।
 

अंबाला में विवाहेतर संबंधों की बढ़ती घटनाएं

अंबाला (विवाहेतर संबंध): विवाह के बाद बाहरी संबंधों (एक्सट्रा मैरिटल अफेयर) की घटनाओं में वृद्धि हो रही है। ऐसे मामलों में महिलाएं सरकारी वन स्टॉप सेंटर का सहारा ले रही हैं। वर्ष 2023 से इस तरह के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं।


हालांकि, इनमें से केवल कुछ महिलाएं ही वन स्टॉप सेंटर तक पहुंच पाती हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले चार वर्षों में केवल पांच महिलाएं ऐसी थीं जिन्होंने एक्सट्रा मैरिटल अफेयर के कारण शरण ली।


इनमें से चार मामले इसी वर्ष सामने आए हैं। इन घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अंबाला सिटी में वन स्टॉप सेंटर की स्थापना 2019 में हुई थी, लेकिन 2021 तक इस प्रकार का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ।


हालांकि, 2022 में एक मामला सामने आया था, और इस वर्ष चार महिलाओं ने एक साथ वन स्टॉप सेंटर में शरण मांगी है।


घरेलू हिंसा के मामलों में वृद्धि

घरेलू हिंसा के मामलों में वृद्धि


केंद्र सरकार की महिला संरक्षण एवं सुरक्षा योजना के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग को महिलाओं और बच्चियों पर हो रहे अत्याचार की रिपोर्ट करनी होती है। इस योजना के अंतर्गत 16 विभिन्न श्रेणियों में महिलाओं के उत्पीड़न से संबंधित मामलों पर काम किया जाता है।


महिलाओं और बच्चियों को आश्रय, काउंसलिंग जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। इस योजना की रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू हिंसा के मामले सबसे अधिक सामने आ रहे हैं। पिछले छह वर्षों में 373 महिलाओं ने घरेलू हिंसा के कारण वन स्टॉप सेंटर में शरण ली है।


वर्ष 2020 के आसपास ऐसे मामलों की संख्या 50 से 70 के बीच थी, लेकिन पिछले वर्ष 95 मामले और इस वर्ष अब तक 80 मामले दर्ज किए जा चुके हैं।


गुमशुदगी और अपहरण के मामले

22 महिलाएं गुम या अपहरण का शिकार


इस वर्ष 22 महिलाएं गुम हुई हैं या उनका अपहरण हुआ है। ऐसे मामले भी विभाग के पास आए हैं। पिछले छह वर्षों में 119 महिलाओं के गायब होने की शिकायतें दर्ज की गई हैं।


बाल विवाह जैसी कुप्रथा का इस वर्ष एक ही मामला सामने आया है, जबकि पिछले वर्ष ऐसे मामले शून्य थे। इसके अलावा, मानसिक प्रताड़ना के दो मामले भी सामने आए हैं। महिलाओं को धमकी देने के दो मामले पिछले सात वर्षों में इसी वर्ष दर्ज किए गए हैं।