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अफगान मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिलाओं की एंट्री पर विवाद

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी की दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई, जिससे राजनीतिक विवाद उत्पन्न हो गया है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरा है। विदेश मंत्रालय ने इस मामले में अपनी भागीदारी से इनकार किया है। यह घटना महिलाओं के अधिकारों पर एक महत्वपूर्ण चर्चा को जन्म देती है।
 

महिलाओं के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रवेश निषेध


महिलाओं के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रवेश निषेध: अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने शुक्रवार को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। इस दौरान महिला पत्रकारों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई, जिससे राजनीतिक हलचल मच गई है। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरा है। भारत के विदेश मंत्रालय ने इस विवाद के बढ़ने पर स्पष्टीकरण दिया है।


विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा, 'दिल्ली में अफगान विदेश मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्रालय की कोई भागीदारी नहीं थी।' मुत्तकी भारत में सात दिनों के दौरे पर हैं, जिसमें उनकी विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ द्विपक्षीय बैठक भी हुई। यह बैठक 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद भारत में पहली उच्चस्तरीय वार्ता थी। लेकिन, प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद विवाद खड़ा हो गया।


महिला पत्रकारों ने इस घटना पर सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है, जिससे देशभर में राजनीतिक आक्रोश उत्पन्न हुआ है। राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा, 'श्रीमान मोदी, जब आप महिला पत्रकारों को सार्वजनिक मंचों से बाहर रखते हैं, तो आप हर भारतीय महिला को यह संदेश देते हैं कि आप उनके लिए खड़े होने में असमर्थ हैं। हमारे देश में महिलाओं को हर क्षेत्र में समान भागीदारी का अधिकार है। आपकी चुप्पी इस भेदभाव को उजागर करती है।'



कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखी, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, कृपया तालिबान के प्रतिनिधि की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को हटाए जाने पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें। यदि महिलाओं के अधिकारों के प्रति आपकी मान्यता केवल चुनावी दिखावा नहीं है, तो फिर इस अपमान को कैसे सहन किया गया?'