×

अमरनाथ यात्रा 2025: जानें रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया और यात्रा के मार्ग

अमरनाथ यात्रा 2025 की तैयारी जोरों पर है। श्रद्धालु 3 जुलाई से 9 अगस्त तक बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जम्मू-कश्मीर की ओर बढ़ेंगे। इस यात्रा के लिए पंजीकरण 15 मार्च से शुरू हो चुका है। जानें यात्रा के मार्ग, आध्यात्मिक महत्व और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के बारे में सभी जरूरी जानकारी।
 

अमरनाथ यात्रा 2025 का महत्व

अमरनाथ यात्रा 2025: जैसे-जैसे अमरनाथ यात्रा की तिथि नजदीक आ रही है, लाखों श्रद्धालु पवित्र बर्फ से बने शिवलिंग के दर्शन के लिए तैयार हो रहे हैं। यह यात्रा हर साल जम्मू-कश्मीर की बर्फीली गुफाओं में स्थित बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए आयोजित की जाती है। श्रद्धालु इसे केवल तीर्थ यात्रा नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक और साहसिक अनुभव मानते हैं, जहां आस्था, धैर्य और हिमालय की अद्भुत सुंदरता का संगम देखने को मिलता है।


अमरनाथ यात्रा की तिथियाँ

श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (SASB) ने अमरनाथ यात्रा 2025 की आधिकारिक तिथियों की घोषणा की है। यह यात्रा 3 जुलाई 2025 से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 तक चलेगी, यानी कुल 37 दिनों तक। इस बार भी लाखों श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है, जो देशभर से बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए आएंगे।


यात्रा के लिए पंजीकरण प्रक्रिया 15 मार्च 2025 से शुरू हो चुकी है। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे समय पर ऑनलाइन या ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करवा लें।


बाबा बर्फानी शिवलिंग का आध्यात्मिक महत्व

हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, अमरनाथ गुफा वही स्थान है जहां भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरता का रहस्य बताया था। मान्यता है कि इस गुफा के दर्शन करने और शिवलिंग के समक्ष पूजा करने से भक्तों को पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।


यह बर्फ से बना शिवलिंग चंद्रमा की कलाओं के अनुसार आकार बदलता है, जिससे इसे चमत्कारी माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमरनाथ धाम की यात्रा करने से 23 तीर्थों के दर्शन का पुण्य प्राप्त होता है।


यात्रा के मार्ग: पहलगाम और बालटाल

अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं के पास दो मुख्य मार्ग हैं - पहलगाम रूट और बालटाल रूट।


पहलगाम रूट (लगभग 48 किमी): यह पारंपरिक और लंबा मार्ग है, जो चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरिणी जैसे दर्शनीय स्थलों से होकर गुजरता है। यह रास्ता अपेक्षाकृत सरल और मनोरम होता है, जिसमें यात्रा पूरी करने में 3 से 5 दिन का समय लगता है।


बालटाल रूट (लगभग 14 किमी): यह छोटा लेकिन कठिन रास्ता है, जिसमें डोमेल, बरारी और संगम जैसे पड़ाव आते हैं। इस रूट से यात्रा 1 से 2 दिन में पूरी हो जाती है, लेकिन यह शारीरिक रूप से मजबूत यात्रियों के लिए अधिक उपयुक्त है।


अमरनाथ यात्रा 2025 पंजीकरण प्रक्रिया


  • अमरनाथ यात्रा में भाग लेने के लिए पूर्व-पंजीकरण अनिवार्य है।


  • यह रजिस्ट्रेशन SASB की आधिकारिक वेबसाइट या चयनित बैंकों की शाखाओं के माध्यम से किया जा सकता है।


  • पंजीकरण के लिए श्रद्धालुओं को अनिवार्य स्वास्थ्य प्रमाणपत्र (CHC) और मान्य पहचान पत्र (जैसे आधार कार्ड) प्रस्तुत करना होता है।


  • बिना यात्रा परमिट के किसी को भी यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी।


  • केवल 13 से 70 वर्ष आयु वर्ग के लोग यात्रा के लिए पात्र हैं।


  • सुरक्षा और सुचारू संचालन के लिए SASB द्वारा जारी निर्देशों का पालन करना आवश्यक है।