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अमृतसर में जहरीली शराब से हुई मौतों पर भाजपा का विरोध

अमृतसर के मजीठा क्षेत्र में जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में भाजपा ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। 27 मृतकों में से 16 अनुसूचित जाति से हैं। भाजपा नेताओं ने प्रभावित परिवारों का दौरा किया और सरकार की आलोचना की है। कैंथ ने कहा कि सरकार ने मुआवजा राशि जारी नहीं की और प्रशासन ने मौतों की संख्या छिपाने का प्रयास किया। जानें इस मामले में और क्या कहा गया है।
 

जहरीली शराब से प्रभावित परिवारों का दौरा

अमृतसर/दीपक मेहरा : अमृतसर के मजीठा क्षेत्र में मेथनॉल से बनी जहरीली शराब के कारण 27 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से 16 लोग अनुसूचित जाति समुदाय से थे। इस मामले में भगवंत मान सरकार द्वारा तथ्यों को छिपाने के प्रयासों को विफल करने के लिए भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के नेताओं ने प्रभावित परिवारों के गांवों का दौरा किया।


भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष परमजीत सिंह कैंथ ने बताया कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में दायर याचिका पर कार्रवाई करते हुए आयोग ने सिविल और पुलिस प्रशासन को 20 जून तक दिल्ली स्थित अपने मुख्यालय में लिखित जवाब देने का आदेश दिया है।


कैंथ ने कहा कि मुख्यमंत्री मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी ने जहरीली शराब माफिया के खिलाफ प्रभावी कदम नहीं उठाने के लिए पंजाब सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि सरकार शराब माफिया को बेनकाब करने में पूरी तरह से असफल रही है। राजनीतिक दबाव के चलते प्रशासन अनुसूचित जाति समुदाय की मौतों की संख्या को सार्वजनिक नहीं करना चाहता था।


उन्होंने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार ने अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989 के तहत मामला दर्ज होने के बावजूद मुआवजा राशि जारी नहीं की। भगवंत मान सरकार की टालमटोल की नीति और राजनीतिक संरक्षण प्राप्त लोगों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने में उदासीनता दर्शाती है कि सरकार दलित विरोधी है। मान सरकार इन तथ्यों को छिपाना चाहती है, लेकिन भाजपा इसे सफल नहीं होने देगी।