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अम्बाला में भव्य रामलीला का आयोजन: 125 साल पुरानी परंपरा में नई तकनीक का समावेश

अम्बाला में इस वर्ष की रामलीला एक अद्वितीय अनुभव प्रस्तुत करने के लिए तैयार है। 125 साल पुरानी परंपरा को आधुनिक तकनीक के साथ मिलाकर दर्शकों को एक नया अनुभव देने का प्रयास किया जा रहा है। 20 सितंबर से 3 अक्टूबर तक चलने वाली इस रामलीला में विशेष दृश्य और भजनों का समावेश किया गया है। जानें इस भव्य आयोजन के बारे में और क्या खास होने वाला है!
 

अम्बाला में रामलीला का नया अवतार

अम्बाला, Ramlila Ambala: इस वर्ष अम्बाला में आयोजित होने वाली रामलीला दर्शकों के लिए एक अद्वितीय अनुभव प्रस्तुत करेगी! न्यू राष्ट्रीय कला केंद्र, मानव रंगमंच और श्री रामलीला नाटक समाज के सहयोग से यह आयोजन भक्ति, परंपरा और आधुनिक तकनीक का अनूठा मिश्रण पेश करेगा। इस बार रामलीला न केवल धार्मिक आस्था को प्रोत्साहित करेगी, बल्कि तकनीक के माध्यम से दर्शकों को एक शानदार अनुभव भी प्रदान करेगी। सभी समितियों का प्रयास है कि श्रद्धालुओं को भक्ति के साथ-साथ कुछ नया और रोमांचक देखने को मिले।


125 साल पुरानी झंडे वाली रामलीला

पुरानी अनाज मंडी में सनातन धर्म मंदिर के सहयोग से आयोजित होने वाली 125 साल पुरानी झंडे वाली रामलीला इस बार 12 दिनों तक चलेगी। पहले यह 11 दिन की होती थी, लेकिन अब 20 सितंबर से 3 अक्टूबर तक इसका मंचन होगा। कोऑर्डिनेटर दीपक अग्रवाल ने बताया कि समापन राम-भरत मिलाप और राजतिलक के भावुक दृश्यों के साथ होगा। इस बार रामानंद सागर के भजनों को भी शामिल किया गया है, जो दर्शकों को पुराने धारावाहिक की याद दिलाएंगे। 12 से 65 साल तक के कलाकार इसमें भाग लेंगे और एक महीने से रिहर्सल चल रही है।


रावण और मेघनाथ के दृश्य होंगे विशेष

श्री रामलीला नाटक समाज, जो पिछले 5 वर्षों से तोपखाना गली नंबर-3 में रामलीला का मंचन कर रहा है, इस बार तकनीक का कमाल दिखाएगा। रावण का सिर कटकर 5 फीट दूर गिरने और फिर जुड़ने का दृश्य बेहद रोमांचक होगा। मेघनाथ की बाजू कटने का दृश्य भी तकनीक के माध्यम से जीवंत बनाया गया है। प्रधान सुनील कुमार ने बताया कि रामलीला 17 सितंबर से शुरू होगी, जिसमें श्रवण कुमार के प्रसंग से शुरुआत होगी। भगवान की महिमा को विशेष तरीके से दर्शाया जाएगा।


मानव रंगमंच की भव्य तैयारी

मानव रंगमंच, जो 32 वर्षों से रामलीला का मंचन कर रहा है, इस बार भी भव्य आयोजन की तैयारी में है। प्रधान पीकेश बत्तरा ने बताया कि रामलीला में कोई अभद्र सामग्री नहीं होगी और इसे सोशल मीडिया पर लाइव भी दिखाया जाएगा। 7 से 60 साल तक के कलाकार इसमें भाग लेंगे, जिसमें सिख समुदाय के लोग भी किरदार निभाएंगे। यह मंच सभी धर्मों को जोड़ने का प्रतीक है। मंचन 22 सितंबर से शुरू होकर 3 अक्टूबर को राजतिलक और पुरस्कार वितरण के साथ समाप्त होगा।