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अयोध्या में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य समारोह

अयोध्या में एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन के तहत राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य समारोह संपन्न हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में आयोजित इस त्रिदिवसीय अनुष्ठान में वैदिक मंत्रों की गूंज सुनाई दी। श्रद्धालुओं को अब राम लला के साथ उनके भव्य दरबार के दर्शन का अवसर मिलेगा। इस समारोह में संत-महात्मा और आम श्रद्धालु बड़ी संख्या में शामिल हुए। जानें इस अद्भुत आयोजन के बारे में और अधिक जानकारी।
 

राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा

अयोध्या - अयोध्या में एक नया अध्याय जुड़ गया है। गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भव्य मंदिर में राजा राम की प्राण प्रतिष्ठा की। इस अवसर पर वैदिक मंत्रों की गूंज चारों दिशाओं में सुनाई दी। आचार्यों और संतों की आवाज़, शंख की ध्वनि ने आध्यात्मिक वातावरण का निर्माण किया। अब श्रद्धालु राम लला के साथ-साथ उनके भव्य दरबार के दर्शन भी कर सकेंगे।


गंगा दशहरा के अवसर पर श्रीराम दरबार और अन्य नवनिर्मित देवालयों में प्राण प्रतिष्ठा का भव्य समारोह संपन्न हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में आयोजित इस त्रिदिवसीय अनुष्ठान का यह अंतिम दिन था, जिसमें वैदिक परंपरा और आधुनिक तकनीक का अद्भुत संगम देखने को मिला।


इस आयोजन का समापन विशेष आरती और भंडारे के साथ हुआ। बुधवार सुबह 6:30 बजे यज्ञमंडप में देवताओं के पूजन के साथ अनुष्ठान की विधिवत शुरुआत हुई। दो घंटे तक चले इस पूजन के बाद सुबह 9 बजे से हवन प्रारंभ हुआ, जो लगभग एक घंटे तक चला। इसके बाद सभी नवनिर्मित देवालयों में एक साथ प्राण प्रतिष्ठा का पावन कार्य सम्पन्न हुआ।


प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अंतर्गत मंदिर परिसर के विभिन्न भागों में स्थित देवविग्रहों में विधिपूर्वक प्राणस्थापन किया गया। इनमें प्रमुख रूप से श्रीराम दरबार, शेषावतार, परकोटा के ईशान कोण पर शिव मंदिर, अग्निकोण में गणेश जी, दक्षिणी भुजा में हनुमान जी, नैऋत्य कोण में सूर्य देव, वायव्य कोण में मां भगवती तथा उत्तरी भुजा में अन्नपूर्णा माता की मूर्तियां शामिल हैं।


पूरे मंदिर परिसर को दृश्य माध्यमों (कैमरा एवं स्क्रीन) के माध्यम से एकीकृत किया गया था, जिससे सभी देवालयों में एक ही समय पर मंत्रोच्चार की सामूहिक गूंज के साथ प्राण प्रतिष्ठा सम्पन्न हो सकी। इस आयोजन में बड़ी संख्या में संत-महात्मा, वैदिक आचार्य, रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारी और आम श्रद्धालु उपस्थित रहे।


राम मंदिर के प्रथम तल पर स्थापित होने वाले राम दरबार की महिमा केवल धार्मिक नहीं, बल्कि स्थापत्य की दृष्टि से भी अतुलनीय होने जा रही है। राम दरबार का निर्माण जिस संगमरमर पत्थर से हुआ है।