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अरविंद केजरीवाल का केंद्र सरकार पर आरोप: किसानों का भविष्य खतरे में

आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने अमेरिका से आने वाली कॉटन पर इंपोर्ट ड्यूटी हटा दी है, जिससे भारतीय किसानों का भविष्य संकट में पड़ गया है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से किसानों की मेहनत पर पानी फिर जाएगा और उन्हें आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। वित्त मंत्रालय ने इस निर्णय को घरेलू टेक्सटाइल उद्योग को राहत देने के लिए बताया है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
 

केजरीवाल का गंभीर आरोप

अरविंद केजरीवाल: आम आदमी पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने चुपचाप अमेरिका से आने वाली कॉटन पर 11 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी को हटा दिया है, जिससे भारतीय किसानों का भविष्य संकट में पड़ गया है.


किसानों की चिंता

गुजरात के अहमदाबाद में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल ने कहा कि इस निर्णय ने भारतीय किसानों को गंभीर संकट में डाल दिया है। उन्होंने बताया कि किसान जून और जुलाई में अपनी पुरानी फसल बेच चुके हैं और अब उन्होंने नई फसल के लिए कर्ज लेकर बीज, खाद और मजदूरी का इंतजाम किया है। यह फसल अक्टूबर-नवंबर तक तैयार होगी, और किसान अच्छे दाम की उम्मीद कर रहे हैं.


सरकार के फैसले का प्रभाव

केजरीवाल ने आरोप लगाया कि सरकार के इस गुप्त निर्णय से किसानों की मेहनत पर पानी फिर जाएगा। पहले अमेरिका से आने वाली कॉटन पर 11% ड्यूटी लगती थी, जिससे भारतीय कॉटन की कीमत अमेरिकी कॉटन से सस्ती रहती थी। अब यह ड्यूटी हटने के बाद अमेरिकी कॉटन भारतीय कॉटन से 15-20 रुपये प्रति किलो सस्ती हो जाएगी। इसका मतलब है कि जब किसान अपनी फसल मंडी में बेचने जाएंगे, तो खरीदार अमेरिकी कॉटन को प्राथमिकता देंगे, जिससे भारतीय किसानों की फसल का कोई मूल्य नहीं रहेगा.


वित्त मंत्रालय की प्रतिक्रिया

उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे हालात में किसानों के पास आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। इसे किसानों के साथ सीधा विश्वासघात बताया गया। दूसरी ओर, वित्त मंत्रालय ने कहा कि यह निर्णय घरेलू टेक्सटाइल उद्योग को राहत देने के लिए लिया गया है। मंत्रालय ने प्रेस रिलीज में बताया कि 19 अगस्त से 30 सितंबर तक कॉटन पर इंपोर्ट ड्यूटी हटा दी गई थी ताकि कपड़ा उद्योग को पर्याप्त कच्चा माल मिल सके। अब सरकार ने इस छूट को 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ा दिया है.